मुंबई की एक सत्र अदालत ने 2000 रूपये का जाली नोट बाजार में चलाने के आरोप में गिरफ्तार किये गये एक व्यक्ति की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। सत्र न्यायाधीश राजेश जे कटारिया ने कमलेश बिश्नोई की जमानत अर्जी खारिज कर दी। बिश्नोई एक साल से जेल में बंद है।
इस मामले में जमानत प्राप्त करने की बिश्नोई की यह दूसरी कोशिश थी। उसे 2021 में गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन के अनुसार अगस्त, 2021 में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज करायी थी कि किसी ने उसकी दुकान से 190 रूपये मूल्य के ब्रेड और सिगरेट खरीदी तथा 2000 रूपये का नोट दिया, लेकिन बाद में पता चला कि यह नोट जाली था।
अभियोजन के मुताबिक कुछ दिन बाद एक अन्य व्यक्ति ने उसी दुकान से 240 रूपये मूल्य का सामान खरीदा और 2000 रूपये का नोट दिया। जब दोनों नोटों की क्रम संख्या का मिलान किया गया तो वह समान था। ऐसे में दुकानदार ने उस व्यक्ति को पकड़ लिया और उसकी सूचना पुलिस को दे दी। उसके बाद ओमप्रकाश बिश्नोई और कमलेश बिश्नोई के विरूद्ध मामला दर्ज किया गया। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में कहा कि कमलेश को इस अपराध में झूठे तरीके से फंसाया गया है और उसका कथित अपराध से कोई लेना-देना नहीं है।
वकील ने कहा कि आवेदक के पास 2000 रूपये का नोट पाया गया और यह दर्शाने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है कि याचिकाकर्ता एवं सह आरोपी के बीच मिलीभगत है। लेकिन अदालत ने यह कहते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी कि कमलेश के विरूद्ध प्रथम दृष्टया मामला है और (प्रथम जमानत, जिसे गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया गया था) स्थितियों में कुछ बदलाव नहीं आया है।
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