को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। इस मामले को लेकर अक्षय शिंदे के परिवार की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और उन्होंने ठाणे पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगाया।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्राथमिक तौर पर इस एनकाउंटर को संदिग्ध मानते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
इसके साथ ही पिछले हफ्ते कोर्ट ने ठाणे पुलिस कमिश्नर को फटकार लगाते हुए 4 घंटे में इसका जवाब मांगा था। इस मामले को लेकर राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया। अदालत ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और ठाणे पुलिस को बड़ी राहत दी।
अदालत ने कथित तौर पर दोषी पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि इसकी जांच की जा सकती है, लेकिन दूसरी एफआईआर दर्ज करने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे पर दो नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। बाद में शिंदे पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। जानकारी के अनुसार, अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर स्थानांतरित किया जा रहा था।
योगी की बड़ी सफलता, राशन कार्ड वितरण में प्रयागराज ने मारी बाजी!