बरेली में जुमे की नमाज के बाद “आई लव मोहम्मद” अभियान को लेकर निकाले गए जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और पुलिस-प्रशासन लगातार आरोपियों पर शिकंजा कस रहा है। इस बीच नगर निगम ने सिविल लाइंस इलाके में दो दर्जन से अधिक दुकानों को सील कर दिया है।
पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत परिषद के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा के करीबी और पार्टी के पूर्व प्रवक्ता नफीस को हिरासत में लिया है। अधिकारियों का कहना है कि नफीस पर हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है।व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम ने उन्हें केवल कुछ घंटे का समय दिया है, जबकि सामान हटाने के लिए अधिक समय मिलना चाहिए। हालांकि कई दुकानदारों ने यह स्वीकार भी किया कि संबंधित इमारत पर पहले से ही स्टे आदेश है।
हिंसा के बाद तीन दिनों से बरेली में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद हैं, जिससे व्यापार, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। व्यापारियों का अनुमान है कि अब तक सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। दवा व्यापार और आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज भी बाधित हो रहा है।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हिंसा सुनियोजित थी। अधिकारियों के अनुसार, व्हाट्सएप कॉल के जरिए 55 लोगों से संपर्क किया गया, जिन्होंने करीब 1,600 लोगों की भीड़ जुटाई। योजना सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों की तर्ज पर बनाई गई थी, जिसमें नाबालिगों को भी आगे रखने की कोशिश की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि कानून-व्यवस्था बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा सहित 180 नामजद और 2,500 अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज की है। शहर और आसपास के जिलों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। प्रशासन का कहना है कि हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।
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