दरशन और पवित्रा गौड़ा पर हत्या का आरोप तय, रेनुकास्वामी केस में 17 आरोपी!

10 नवंबर से शुरू होगी सुनवाई

दरशन और पवित्रा गौड़ा पर हत्या का आरोप तय, रेनुकास्वामी केस में 17 आरोपी!

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बेंगलुरु की 64वीं सेशंस कोर्ट ने सोमवार (3 नवंबर) को अभिनेता दरशन, उनकी सहयोगी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य आरोपियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण और अवैध सभा के आरोप तय कर दिए। सभी 17 आरोपियों ने इन आरोपों से इनकार किया है। मामले की मुख्य सुनवाई 10 नवंबर से शुरू होगी।

यह मामला रेनुकास्वामी (33) की हत्या से जुड़ा है, जो दरशन के प्रशंसक थे और चित्तदुर्गा के रहने वाले थे। 9 जून 2024 को उनकी लाश बेंगलुरु के एक नाले के पास बरामद हुई थी। जांच में सामने आया कि रेनुकास्वामी ने पवित्रा गौड़ा को आपत्तिजनक संदेश भेजे थे, जिसके बाद उनका अपहरण कर उन्हें बुरी तरह पीटा गया और उनकी मौत हो गई।

सुनवाई के दौरान अदालत कक्ष में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे, जिससे कार्यवाही में बाधा उत्पन्न हुई। इस पर न्यायाधीश आई.पी. नाइक ने नाराज़गी जताई और कहा, “इतनी भीड़ में चार्ज कैसे तय किए जा सकते हैं?” उन्होंने उन वकीलों को बाहर जाने के निर्देश दिए जो इस मामले से संबंधित नहीं थे। जज ने यह भी चेतावनी दी कि अगर भीड़ कम नहीं हुई तो कार्यवाही स्थगित की जा सकती है और जरूरत पड़ने पर इन-कैमरा (बंद कमरे में) सुनवाई की जाएगी।

जब कोर्ट में व्यवस्था बनी, तो सबसे पहले मुख्य आरोपी पवित्रा गौड़ा के खिलाफ आरोप पढ़े गए। अदालत ने कहा कि रेनुकास्वामी ने पवित्रा को अश्लील संदेश भेजे थे, जिसके बाद उन्हें बेंगलुरु में एक शेड में ले जाकर मारा गया। न्यायाधीश ने चार्ज पढ़ते हुए कहा, “उन्हें चप्पलों और लकड़ी के डंडे से पीटा गया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।”

अदालत के अनुसार, पवित्रा ने चप्पल से वार किया, जबकि दरशन ने कथित तौर पर पीड़ित के निजी अंगों पर हमला किया, जिससे उनकी मौत हुई। यह भी आरोप है कि कुछ सह-आरोपियों को पैसे देकर झूठे कबूलनामे देने के लिए तैयार किया गया था।

सभी 17 आरोपियों ने अदालत में कहा कि वे निर्दोष हैं। आरोप तय होने के बाद दरशन, पवित्रा गौड़ा और सात अन्य आरोपियों को फिर से जेल भेज दिया गया। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर की तारीख तय की है, जब मामले का ट्रायल औपचारिक रूप से शुरू होगा।

यह मामला कर्नाटक की फिल्म इंडस्ट्री में सबसे चर्चित आपराधिक मामलों में से एक बन गया है। पुलिस ने इस घटना को पूर्व नियोजित हमला बताया है, जबकि बचाव पक्ष का कहना है कि आरोप निराधार और अतिरंजित हैं। आगामी ट्रायल में अदालत यह तय करेगी कि रेनुकास्वामी की मौत हत्या की साजिश का नतीजा थी या किसी झगड़े का दुखद अंत।

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