मुंबई पुलिस ने पिछले महीने दर्ज एक एक्सटॉर्शन केस में गिरफ्तार गैंगस्टर रवि मल्लेश बोरा उर्फ डीके राव और उसके दो साथी अनिल परेराव और मिमित भूटा के खिलाफ MCOCA के तहत सख्त धाराएं लगाई हैं। मंगलवार (18 नवंबर)को एक स्पेशल कोर्ट ने तीनों को 26 नवंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया।
धारावी के रहने वाले डीके राव को पिछले महीने क्राइम ब्रांच ने एक बिल्डर द्वारा इन्वेस्टर्स को कथित तौर पर धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इससे पहले जनवरी में, उसके खिलाफ एक्सटॉर्शन का केस दर्ज किया गया था। अप्रैल में बेल मिलने के बाद वह फिर से चर्चा में आया।
राव उसके दो सह-आरोपियों के साथ अभी तलोजा सेंट्रल जेल में बंद है। उसे आर्थर रोड जेल से कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि राव के नेतृत्व में ऑर्गेनाइज्ड क्राइम सिंडिकेट ने एक्सटॉर्शन की कोशिश की थी और इस बारे में सबूत इकट्ठा करने के लिए कस्टडी की ज़रूरत है। सिंडिकेट द्वारा किए गए फाइनेंशियल फायदे से खरीदी गई प्रॉपर्टीज़ की भी जांच चल रही है।
आरोपियों के वकीलों ने MCOCA लगाने का विरोध किया। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि अलग से MCOCA की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारत के नए क्रिमिनल कोड में इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 111 के तहत ‘ऑर्गनाइज़्ड क्राइम’ के लिए एक प्रोविज़न है। लेकिन कोर्ट ने पुलिस के पक्ष में फ़ैसला सुनाया और MCOCA को ‘ज़्यादा असरदार’ तरीके से लागू करने पर ध्यान दिया। कोर्ट ने गैर-कानूनी गिरफ्तारी के मुद्दे को भी खारिज कर दिया। डीके राव पर 1990 के दशक में छोटे-मोटे अपराधों से शुरुआत करके छोटा राजन गैंग में शामिल होने का आरोप था वह एक बार फिर इस कड़े कानून के शिकंजे में फंस चूका हैं।
यह भी पढ़ें:
वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स में भारत ने जीते 9 गोल्ड, किरेन रिजिजू ने खिलाड़ियों को सराहा
रिलायंस ने रूसी तेल आयात रोका, यूरोपीय संघ और अमेरिका के दबाव में उठाया कदम
बांग्लादेश में तीव्र भूकंप: कोलकाता समेत पूर्वोत्तर भारत में तेज झटके महसूस
