असम के लोकप्रिय गायक और सांस्कृतिक प्रतीक जुबिन गर्ग की मौत को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार (3 नवंबर) को कहा कि सिंगापुर में हुई जुबिन गर्ग की मौत हादसा नहीं, बल्कि हत्या का मामला है। इस बयान ने न केवल राज्य की जनता, बल्कि पूरे देश के ज़ुबिन गर्ग के संगीतप्रेमियों को झकझोर कर रख दिया है।
गौरतलब है कि जुबिन गर्ग का निधन 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैर रहे थे, तब हुआ था। उस समय उनकी मौत को दुर्घटना बताया गया। हालांकि, अब असम पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) कि क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) के अधीन कार्य कर रही है, उन्होंने इस जांच के बाद महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं।
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि SIT की दो सदस्यीय टीम CID के स्पेशल DGP मुन्ना प्रसाद गुप्ता और टिटाबोर के सह-ज़िला SP तरुण गोयल हाल ही में सिंगापुर गई थी, जहां उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और कई संबंधित व्यक्तियों से बातचीत की। टीम ने कई अहम जानकारियां और साक्ष्य एकत्र किए हैं, जिनके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जुबिन की मौत संदेहास्पद परिस्थितियों में हुई थी।
सीएम हिमंत ने कहा, “मैं इसे हादसा नहीं कह रहा हूं। जुबिन गर्ग की हत्या के मामले में चार्जशीट 17 दिसंबर तक दाखिल की जानी है, लेकिन मैंने लक्ष्य रखा है कि इसे 8 दिसंबर तक जमा कर दिया जाए। हम अब तैयार हैं।” मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद राज्य में सनसनी फैल गई है और लोग जल्द से जल्द न्याय की मांग कर रहे हैं।
चूंकि यह मामला विदेश में हुआ है, इसलिए राज्य सरकार को चार्जशीट दाखिल करने से पहले गृह मंत्रालय (MHA) से अनुमति लेनी होगी। सरमा ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है ताकि मंजूरी की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा, “विदेश में यदि कोई घटना होती है तो गृह मंत्रालय की मंजूरी आवश्यक होती है। मैंने कल गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और जल्द स्वीकृति देने का अनुरोध किया है। उसके बाद हम चार्जशीट दाखिल करेंगे।”
SIT अगले तीन से चार दिनों में गृह मंत्रालय को औपचारिक रूप से पत्र भेजेगी ताकि जांच की अगली प्रक्रिया शुरू की जा सके।
असम के लोगों और जुबिन गर्ग के लाखों प्रशंसकों में अब न्याय की उम्मीद और बढ़ गई है। कई प्रशंसकों ने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत किया है और पूरी सच्चाई सामने लाने की मांग की है। वहीं, राजनीतिक हलकों में यह भी चर्चा तेज है कि मुख्यमंत्री का यह दावा जांच की निष्पक्षता पर क्या असर डालेगा।
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