मिर्जापुर पुलिस ने शनिवार (18 जनवरी) को पड़री थाना क्षेत्र के कठिनई गांव में श्री राम-जानकी मंदिर से 30 करोड़ रुपये कीमत की मूर्तियां चोरी हुई थी। श्री राम, लक्ष्मण और जानकी की प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी के मामले का खुलासा करते हुए मंदिर के देखभाल कर्ता समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। चोरों को पकड़ने और चोरी की गई मूर्तियों और कीमती सामान को बरामद करने के लिए पुलिस टीम को 40,000 रुपये का पुरस्कार मिला है।
मिर्जापुर के एसएसपी सोमेन वर्मा ने जानकारी देकर कहा, मंदिर के पुजारी वंशीदास उर्फ ब्रजमोहन दास, सपा नेता वंशीवतानंद और मंगल पाल ने 14 जनवरी को पड़री थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मंदिर से भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी की प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियों की चोरी की एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले में सर्विलांस, एसओजी और पड़री थाने की संयुक्त पुलिस टीम ने हैमाई मंदिर के पास एसयूवी सवार चार लोगों को गिरफ्तार किया, इन गिरफ्तार लोगों की पहचान केयरटेकर वंशीदास, भदोही जिले के लवकुश पाल, प्रतापगढ़ जिले के मुकेश कुमार सोनी और प्रयागराज जिले के रामबहादुर पाल के रूप में हुई है।
पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी की गई अष्टधातु की मूर्तियां, दो मुकुट, एक हार, एक पिली मछली के आकर की बाली बरामद की। गिरफ्तार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी गई और उन्हें जेल भेज दिया गया।
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वंशीदास ने गुनाह कबूल करते हुए कहा वो लगभग तीन वर्षों से मंदिर की देखरेख कर रहा था और मंदिर से बहुमूल्य अष्टधातु की मूर्तियों को चोरी कर उसे बेचकर अपना आश्रम बनाने की योजना बना रहा था। वंशीदास अपने ड्राइवर लवकुश पाल के साथ मुकेश कुमार सोनी, रामबहादुर पाल और अन्य साथियों को दर्शन के बहाने मंदिर में लाया और मूर्तियां चुराई थी। साथ ही मूर्तियों को हैमाई पहाड़ी मंदिर के पीछे छिपा दिया।