पश्चिम बंगाल का आसनसोल इन दिनों एक नई बहस का केंद्र बन गया है, और वजह है—वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लगाए गए ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे। यह कोई मामूली नारा नहीं, बल्कि उस सियासी लापरवाही की गूंज है जो राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक संतुलन को लगातार डावांडोल कर रही है। यह नारे ऐसे समय लगें है जब पाकिस्तान से आए मुस्लिम आतंकियों पहलगाम में छुट्टियां मना रहें हिंदू पर्यटकों का धर्म सुनिश्चीत कर गोलियों से भून दिया।
आसनसोल में हुए वक्फ विरोधी प्रदर्शन के दौरान हाथों में तख्तियां लिए मुस्लिम युवकों की भीड़ सड़कों पर उतरी। लेकिन इस विरोध का रुख तब बिगड़ गया जब कैमरों में उन्हें पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए कैद किया गया। वीडियो वायरल हुआ और देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई। इस बीच, याद रखना जरूरी है कि यही वो वक्त है जब पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों ने पहलगाम में निर्दोष हिंदू पर्यटकों को मौत के घाट उतार दिया था।
मुर्शिदाबाद, जो पहले से ही वक्फ अधिनियम के विरोध के चलते हिंसा की चपेट में था, वहां से आगजनी, तोड़फोड़ और हिंदू समुदाय को निशाना बनाने की खबरें आई थीं। अब यह लपटें मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली तक फैल चुकी हैं।
वक्फ अधिनियम का विरोध करना या उस पर सवाल उठाना लोकतंत्र में एक जायज़ प्रक्रिया हो सकती है। लेकिन जब यह विरोध देश-विरोधी नारों में बदल जाए, जब संविधान की आड़ में पाकिस्तान का गुणगान हो, तब यह सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और राष्ट्रभक्ति की खुली परीक्षा बन जाता है।
इस समय केंद्र सरकार ने आतंक के खिलाफ खुला मोर्चा खोल रखा है। गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों को पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने का आदेश दे दिया है। ऐसे में भारत में रहकर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाना सिर्फ निंदनीय ही नहीं, आपराधिक मानसिकता की भी पुष्टि करता है।
When the whole nation is mourning the brutal killing of Hindus in the #PahalgamTerroristAttack,
“Pakistan Zindabad” slogans are shamelessly shouted in Asansol, West Bengal during protests against the Waqf Amendment Act!This isn’t dissent. This is open treachery on Indian soil.… pic.twitter.com/pgvlH86AzK
— Tulla Veerender Goud (@TVG_BJP) April 25, 2025
अब सवाल यह है कि क्या ममता बनर्जी सरकार इन नारों पर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं करती? बता दें की कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर याचिका दायर हुई थी, जिस पर न्यायमुर्ती बी. आर.गवई की पीठ ने तंज कसते हुए कहा था, ‘हम पर तो कार्यपालिका के कामों में हस्तक्षेप करने के आरोप लगते है’,केस में सुनवाई अभी भी जारी है।
यह भी पढ़ें:
पहलगाम आतंकी हमले के पिछे खुद पाकिस्तानी आर्मी चीफ; पाकिस्तानी पूर्व मेजर का भयानक दावा!
पहलगाम आतंकी हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की अस्थियां गंगा में विसर्जित !
अमित शाह के राज्यों को सख्त आदेश,’पाकिस्तानी नागरिक तुरंत भेजे जाएं वापस’!