पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है और अब केंद्र सरकार पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुकी है। शुक्रवार (25 अप्रैल) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सभी मुख्यमंत्रियों से सीधी बात कर एक सख्त निर्देश जारी किया—अपने-अपने राज्यों में रह रहे सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस भेजा जाए।
गृह मंत्री शाह ने न केवल यह आदेश दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी तरह की कोताही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश भी दिया है। शाह ने मुख्यमंत्रियों को यह भी कहा कि “पाकिस्तान से आए सभी लोगों को जल्द से जल्द अपने राज्यों से हटाया जाए।”
सरकार ने यह कदम स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के खिलाफ एक कड़ा राजनीतिक और कूटनीतिक संदेश देने के लिए उठाया है। यह संदेश साफ है—आतंकवाद को शह देने वाले देश के नागरिक भारत की सरजमीं पर स्वागत के पात्र नहीं हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि “सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के तहत पाकिस्तानियों को जारी वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय उन हिंदू पाकिस्तानी नागरिकों पर लागू नहीं होगा जिन्हें पहले से दीर्घकालिक वीजा (LTV) जारी किए गए हैं। ऐसे वीजा वैध बने रहेंगे।
यह फैसला न केवल भारत की आतंरिक सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ है, बल्कि यह उस बढ़ते जनाक्रोश की भी अभिव्यक्ति है जो देशभर में पहलगाम जैसी जघन्य घटनाओं के बाद फूट रहा है। दरम्यान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से स्पष्ट तौर पर कहा है की राज्यभर से पाकिस्तानी नागरिकों को चिन्हीत करने के प्रक्रिया शुरू है। सभी पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ना होगा, अन्यथा उन्हें ढूंढकर कारवाई की जाएगी।
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