सितंबर में छापेमारी में पीएफआई के सक्रिय सदस्यों को औरंगाबाद, नासिक और कई शहरों से गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के बाद जब उन्हें कोर्ट में पेश किया गया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं| इस जांच में ऐसी बातें सामने आई हैं, जिनसे साफ है कि यह संगठन देश को विघटित करने के कार्यों में शामिल है।
इस संगठन ने 2047 तक पूरे देश को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए एक मॉड्यूल बनाया था, इसके सबूत जांच एजेंसियों के हाथ में आ गए हैं। इस जांच में कई जानकारियां सामने आई हैं और सरकारी पक्ष ने आरोपी की कस्टडी को लेकर कोर्ट की दलीलों में इस संबंध में जानकारी दी है|
निर्माणाधीन राम मंदिर को तोड़कर एक बार फिर बाबरी मस्जिद बनाने का इस संगठन का एक मॉड्यूल और एजेंडा था। पीएफआई के पांच संदिग्ध आरोपी एटीएस की हिरासत में हैं। ये सभी पांचों आरोपी विदेश भी जा चुके हैं। उनके खाते में विदेश से भी बड़ी रकम जमा की गई है। इन सभी सदस्यों का व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। जांच में पता चला कि इस ग्रुप का एडमिन पाकिस्तान का है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस पूरे मामले में शेष मुस्लिम राष्ट्र और भारत के इन मुस्लिम सदस्यों के बीच एक ठोस साजिश थी।
महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, असम और मध्य प्रदेश राज्यों में दिन भर छापेमारी की गई। पुलिस ने एनआईए के साथ पुणे, नांदेड़, औरंगाबाद, नगर, संगमनेर, मिराज, ठाणे में छापेमारी की और पीएफआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इसके बाद केंद्र सरकार ने PFI पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है|
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