महाराष्ट्र एंटी टेररिज़्म स्क्वाड (ATS) ने पुणे में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 35 वर्षीय आईटी इंजीनियर जुबैर हांगरगेकर को आतंकी गतिविधियों और अल-कायदा से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किया है। जुबैर, जो पुणे के कोंढवा इलाके का निवासी है, के पास से अल-कायदा का साहित्य, वीडियो और आपत्तिजनक डिजिटल सामग्री बरामद की गई है। उस पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
9 अक्टूबर को एटीएस ने सातारा डकैती और टेरर फंडिंग केस की जांच के दौरान मिली सूचना पर पुणे और आसपास के इलाकों में छापे मारे थे। इस दौरान 19 संदिग्धों के घर और कार्यस्थलों पर तलाशी ली गई। अधिकारियों ने 19 लैपटॉप, 40 मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव, किताबें और दस्तावेज जब्त किए।
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया, “जुबैर के लैपटॉप में अल-कायदा से जुड़ा साहित्य डाउनलोड मिला है। इस तरह का सामग्री रखना और प्रसारित करना अपराध है।” अधिकारियों के अनुसार, उसके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में आतंकी विचारधारा फैलाने वाले वीडियो और अन्य आपत्तिजनक सामग्री पाई गई है।
एटीएस ने बताया कि जुबैर और उसके एक दोस्त पर नजर रखी जा रही थी। दोनों चेन्नई से लौटे थे, जिसके बाद पुलिस ने पुणे रेलवे स्टेशन पर घेराबंदी कर जुबैर को गिरफ्तार किया। उसके दोस्त से भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने पुणे की विशेष अदालत को बताया कि जुबैर महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में आतंकी हमलों की साजिश में शामिल था। अदालत ने उसे 4 नवंबर तक एटीएस की हिरासत में भेज दिया है।
जुबैर मूल रूप से सोलापुर का निवासी है। उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और पुणे के कल्याणी नगर स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में डेटाबेस डेवलपमेंट और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग का काम करता था। वह विवाहित है और दो बच्चों का पिता है।
यह गिरफ्तारी उस “पुणे ISIS मॉड्यूल केस” से जुड़ी मानी जा रही है, जिसकी जांच अगस्त 2023 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई थी। इस केस में मोहम्मद शाहनवाज़ आलम उर्फ शफी, मोहम्मद यूसुफ खान और मोहम्मद यूनुस साकी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ये आरोपी कोंढवा इलाके में ग्राफिक डिजाइनर बनकर छिपे हुए थे।
बाद में एटीएस ने साकी, आलम और जुल्फिकार अली बारोदवाला को मार्च 2024 में सातारा में एक कारोबारी से लूट और टेरर फंडिंग के आरोप में पकड़ा था। जांच में सामने आया कि लूटे गए पैसों का इस्तेमाल बम बनाने के पुर्जे खरीदने और आतंकी गतिविधियों के लिए किया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, जुबैर की अल-कायदा या ISIS से प्रत्यक्ष संपर्क की जांच की जा रही है। एटीएस उसके मोबाइल, लैपटॉप और डिजिटल रिकॉर्ड की फॉरेंसिक जांच कर रही है। फिलहाल, एटीएस ने अब तक इस मामले में 19 संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ जारी है।
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