राजस्थान के ब्यावर जिले में 4-5 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार का मामला सामने आया, जहां पीड़िताओं के परिजनों ने बताया कि इस जघन्य अपराध के पीछे एक मुस्लिम गिरोह का हाथ है। उन्होंने लड़कियों को अश्लील फोटो और वीडियो के जरीए ब्लैकमेल किया। पीड़ितों पर कलमा पढ़ने, रोज़ा रखने और इस्लाम अपनाने का भी दबाव बनाया गया। मामले में अभी तक 8 गिरफ्तार किए गए है। पुलिस ने साफ़ तौर पर कहा है कि इस मामले में ‘लव जिहाद’ का कोई एंगल नहीं है।
दरअसल राजस्थान के ब्यावर जिले के थानाक्षेत्र बिजयनगर से यह मामला सामने आया है, तीन नाबालिग लड़कियों के परिजनों ने विजयनगर पुलिस थाने में 16 फरवरी को शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि मुस्लिम गिरोह के आरोपियों ने उनकी बेटियों से बात करने का दबाव बनाया। उन्हें चीनी मोबाइल फोन दिए साथ ही उन्हें अपने नाबालिग दोस्तों से बात करने के लिए मजबूर किया गया, जो उनका यौन शोषण कर रहे थे। प्राथमिक तौर पर यह मामला ब्रिटेन की ‘मुस्लिम ग्रूमिंग गैंग’ का स्वरुप लगता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह मुस्लिम गिरोह हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उन्हें मस्जिद में जाकर मौलवियों से मिलने के लिए कहता था। उनका धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की जा रही थी। पीड़िताओं ने बताया है कि मुस्लिम लड़के उन्हें रमजान के दौरान रोजे रखने के बारे में बताते थे और नमाज की ट्रेनिंग देते थे, उन्हें कलमा पढ़ने के लिए भी कहते थे।
दौरान एक पीड़िता ने गिरोह के एक आरोपी के बारे में कहा, “उसने मुझे एक दोस्त के ज़रिए फंसाया। वह उस दोस्त को धमकाता था। जब मैं फंस गई, तो उसने मुझे धमकाना शुरू कर दिया कि वह मेरी बात दूसरी लड़कियों से करवा दे। उसने मुझे एक छोटा सा फोन दिया…उसने मुझे मिलने के लिए धमकाया। उसने मुझे 5 सेकंड के लिए मिलने के लिए बुलाया, फिर मुझे एक कैफ़े में ले गया। वहाँ उसने मेरे साथ गलत काम किए। उसने मेरी तस्वीर खींची और इस बहाने मुझे धमकाया। उसने मेरे परिवार के सदस्यों को भी जान से मारने की धमकी दी। उसने मुझे पीटा भी। वह मेरे लिए टेडी बियर और चॉकलेट लाया करता था।”
पीड़ितों के परिजनों ने कहा, “जब हमने अपनी बेटियों से पूछताछ की तो पता चला कि एक गिरोह है, जिसमें सोहेल मंसूरी, सोहेब, अरमान, साहिल, लुकमान और 10-15 अन्य लड़के शामिल हैं। उन्होंने हमारी बेटियों के अलावा नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें और वीडियो भी बनाए हैं, जिनका इस्तेमाल उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए किया जाता है। पीड़ितों को यह भी झूठा वादा किया जाता है कि अगर वे उन्हें दूसरी लड़कियों से मिलवाएंगी तो उनकी अश्लील तस्वीरें मिटा दी जाएंगी। आरोपियों ने लड़कियों को धमकाया और उनसे मिलने के लिए मजबूर किया। वे हमारी बेटियों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। वे उन्हें छोटे-छोटे खिलौने और मोबाइल देकर फुसला रहे हैं। इलाके की दूसरी लड़कियों के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। वे उन्हें कैफे में जाने और अपनी पसंद के कपड़े पहनने के लिए मजबूर करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “जब हमने अपनी बेटियों से बात की तो हमें पता चला कि लड़कियों को शारीरिक शोषण के लिए एक-दूसरे के दोस्तों से मिलवाने के लिए मजबूर किया जाता था। ऐसा न करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जाती थी। जब हमने उनके दोस्तों के परिवारों से संपर्क किया तो हमें पता चला कि लड़कियों के पास एक जैसे फोन हैं। इसी तरह, उन्होंने भी इसी तरह की पीड़ा का अनुभव किया है।”
दूसरी पीड़िता ने मुस्लिम गिरोह के एक और सदस्य की जानकारी देते हुए कहा, ” करीम पहले स्कूल आता था। उसके दोस्त सोहेल मंसूरी, रेहान मंसूरी और सोहेफ़ हैं। उन्होंने पहले से ही जिन लड़कियों को फंसाया था, उनके ज़रिए मुझे फंसाया। उसने मुझे नमाज़ पढ़ने और बुर्का पहनने को कहा। उसने मुझे शुक्रवार को पाँच नमाज़ पढ़ने को कहा। उसने मुझे छोटे कपड़े न पहनने को कहा। वह मुझसे कभी-कभी मिलने और दूसरी लड़कियों से संपर्क करने को कहता था। वह मुझे परिवार पर ख़तरे के बारे में बताता था।”
थाना प्रभारी करण सिंह ने बताया कि फिलहाल 4-5 नाबालिग लड़कियों की शिकायत दर्ज हुए है, कि कुछ युवकों ने उन्हें मोबाइल फोन दिए और फिर उन पर दबाव बनाया और उनके साथ दुष्कर्म किया। स्थानीय लोगों ने बताया कि लड़कियां एक निजी स्कूल में पढ़ती हैं और एक समुदाय विशेष के युवकों ने उन्हें फंसाया, मोबाइल फोन थमाए और उनके साथ दुष्कर्म किया।
पुलिस ने पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए हैं। इस मामले में रेहान मोहम्मद (20 साल), सोहेल अंसारी (19 साल), लुकमान (20 साल), अरमान पठान (19 साल), साहिल कुरैशी (19 साल) और साबिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें दो नाबालिग भी बताए गए है। कोर्ट ने इन्हें 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया है। दरम्यान पुलिस ने इनके वाहन जब्त किए है साथ ही एक अन्य आरोपी नदीम कुरैशी से पूछताछ जारी है। पुलिस ने इस मामले में फॉरेंसिक सबूत भी जुटाए हैं। वहीं, आरोपियों के परिवार हिंदू पीड़ितों पर आरोप लगा रहे हैं।
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अब तक की जांच में सामने आया है की गिरोह चलाने वाले मुस्लिम लड़के पहले नाबालिग हिंदू लड़कियों को फंसाते थे और फिर उनकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो लेकर उन्हें ब्लैकमेल करते थे। उन लड़कियों को दूसरी लड़कियों से संपर्क करने के लिए कहा जाता था। ऐसा न करने पर उन्हें तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती थी। उनसे पैसे वसूले जाते थे और उन्हें धमकाया जाता था। धर्म परिवर्तन का भी खुलासा हुआ है। अब पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने यह भी कहा है कि इस मामले में ‘लव जिहाद’ का कोई एंगल नहीं है।