“सिल्वर ओक” प्रर्दशन, पूछताछ के लिए पुलिस ने पत्रकारों को बुलाया

पत्रकारों के जवाब गवाह के तौर पर दर्ज किए जाएंगे।

“सिल्वर ओक” प्रर्दशन, पूछताछ के लिए पुलिस ने पत्रकारों को बुलाया
राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार के घर पर 8 अप्रैल को एसटी कर्मचारियों द्वारा प्रर्दशन किया गया था| इस मामले में राज्य पुलिस के कार्यभार पर भी नेताओं की ओर से आलोचना की गयी है| इतनी बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों के प्रर्दशन की सूचना पुलिस को नहीं होने की कड़ी आलोचना की गयी है|
कुछ मीडियाकर्मियों को पहले ही पता चल गया था कि आंदोलनकारी एसटी कार्यकर्ता शरद पवार के ‘सिल्वर ओक’ आवास पर हड़ताल करेंगे। प्रदर्शनकारी जैसे ही पहुंचे, मीडिया कैमरे मौके पर तैनात कर दिए गए। हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस के मौजूद नहीं होने पर आलोचना की गई।

इस बीच, गावदेवी पुलिस के जल्द ही कुछ पत्रकारों को पूछताछ के लिए बुलाने की उम्मीद है। पता चला है कि आंदोलन के दिन सबसे पहले मौके पर पहुंचे पत्रकारों से जानकारी ली जाएगी। पत्रकारों को आंदोलन की जानकारी किसने दी, इसका पता लगाने के लिए पुलिस जवाब दर्ज करने जा रही है। इस बात की जांच की जाएगी कि गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को या गुणरत्न सदावर्ते को आंदोलन के बारे में कोई जानकारी थी या नहीं। सूत्रों ने यह भी बताया कि इन पत्रकारों के जवाब गवाह के तौर पर दर्ज किए जाएंगे।

घटना के बाद विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ”इतने बड़े नेता के घर की योजना पहले से बनाई जा रही है| कैमरे पहुंच सकते हैं तो पुलिस क्यों नहीं पहुंच पाई। यह हमला पुलिस की खुफिया जानकारी के लिए एक बड़ा झटका है।”

इस अवसर पर बोलते हुए, उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “एसटी कर्मियों द्वारा किया गया प्रर्दशन पुलिस व्यवस्था की विफलता है। पुलिस को इस घटना के बारे में पहले कैसे पता नहीं चला। प्रदर्शनकारियों के मौके पर पहुंचने के तुरंत बाद मीडिया मौके पर पहुंच गई थी। उन्होंने कहा मीडिया का काम दिखाना है, लेकिन पुलिस को यह क्यों नहीं पता था ।

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