पिछले साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हत्या और बलात्कार की शिकार रेजीडेंट डॉक्टर के माता-पिता ने पुलिस और अस्पताल अधिकारियों पर मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया है। पीड़िता की मां ने मीडिया से कहा, “कोलकाता पुलिस, अस्पताल प्रशासन और सत्तारूढ़ टीएमसी के जनप्रतिनिधियों सहित सभी ने इस भयावह घटना को दबाने में सक्रिय भूमिका निभाई, ताकि सच्चाई सामने न आए।”
उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री कोलकाता पुलिस, अस्पताल और प्रशासन की विफलता से इनकार नहीं कर सकतीं। मुख्यमंत्री को यह बताना होगा कि अपराध स्थल को क्यों सील नहीं किया गया और बड़ी संख्या में लोगों के प्रवेश से सबूतों के साथ छेड़छाड़ क्यों की गई।”
उन्होंने पूछा, “मुख्यमंत्री को यह बताना होगा कि 9 अगस्त की सुबह से दोपहर तक घटनास्थल के करीब घूम रहे 68 लोगों की फुटेज से केवल एक व्यक्ति संजय रॉय की पहचान अपराध के एकमात्र अपराधी के रूप में क्यों की गई?”मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने यह भी कहा कि ‘मुख्य षड्यंत्रकारियों’ को बचाने का प्रयास किया गया है और सीबीआई हत्या-बलात्कार मामले में संजय रॉय के अलावा अन्य अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने में विफल रही है।
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बता दें की, कोलकाता की सियालदह कोर्ट ने रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में संजय रॉय को दोषी करार करते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दोषी संजय रॉय बेकसूर होने का दावा कर रहा है। दरम्यान सीबीआई ने दोषी के अपराधों की गंभीरता को देखते हुए उसे फांसी देने की मांग करने वाली याचिका दायर की है।