तेलंगाना में शनिवार(18 अक्तूबर) को पिछड़ा वर्ग (बीसी) संगठनों द्वारा बुलाए गए बंद ने पूरे राज्य में जनजीवन को पूरी तरह ठप कर दिया। बीडी मार्ग पर स्थित दुकानों से लेकर स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय और परिवहन सेवाएं बंद रहीं। राज्य के हर हिस्से में आंदोलनकारियों ने सरकार से स्थानीय निकायों में 42% आरक्षण बहाल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
यह बंद तेलंगाना हाईकोर्ट के 9 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ बुलाया गया था, जिसमें राज्य सरकार के उस आदेश पर रोक लगा दी गई थी जिसके तहत स्थानीय निकायों में बीसी समुदाय को 42% आरक्षण दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस रोक को हटाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद विरोध और तेज हो गया।
बंद का आह्वान Backward Classes Joint Action Committee (BC JAC) ने किया था, जिसे कांग्रेस, बीआरएस (BRS) और भाजपा (BJP) जैसे प्रमुख दलों का समर्थन मिला। आंदोलन में राज्य के कई मंत्री और सांसद भी सड़कों पर उतरे। राजधानी हैदराबाद समेत करीमनगर, वारंगल और निजामाबाद जैसे बड़े शहरों में प्रदर्शनकारियों ने जुलूस निकाले और नारे लगाए। हिंसा की कुछ घटनाएँ भी सामने आईं। हैदराबाद में प्रदर्शनकारियों ने एक पेट्रोल पंप और आसपास की कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की। हालांकि पुलिस ने बाद में स्थिति को नियंत्रण में ले लिया।
तेलंगाना स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (RTC) की बसें पूरे राज्य में डिपो से बाहर नहीं निकलीं। मंत्री और राजनीतिक नेताओं ने स्वयं आरटीसी डिपो के बाहर धरने देकर बस संचालन रोकने की अपील की। इससे दिवाली पर यात्रा करने वाले हजारों यात्री बस अड्डों और चौराहों पर फंसे रहे।
Even after the #Telangana DGP Shivadhar Reddy had urged all protestors to observe the Bandh (#BCbandh) peacefully and avoid any inconvenience to the public…
During #TelanganaBandh , reportedly some BC leaders participated in Vandalism in #Hyderabad , attacked an open petrol… pic.twitter.com/VojIik4sbA
— Surya Reddy (@jsuryareddy) October 18, 2025
कांग्रेस नेताओं में मंत्री पोनम प्रभाकर, वाकटी श्रीहरि, सीतक्का, कोंडा श्योरखा और सांसद अनिल यादव ने हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने सत्तुपल्ली में आंदोलन में भाग लिया। बीआरएस और भाजपा नेताओं ने भी राज्यभर में रैलियाँ निकालकर 42% आरक्षण की मांग दोहराई। भाजपा के एटाला राजेंदर ने जुबली बस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वहीं कांग्रेस नेताओं ने कहा कि “जनता ने बंद को शांतिपूर्ण और स्वेच्छा से मनाया।”
तेलंगाना जागरुति की संस्थापक के. कविता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी, बीसी समुदाय को गुमराह करना बंद करें। पहले आरक्षण सुनिश्चित करें, बाकी चुनाव बाद में होंगे।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस फर्जी सरकारी आदेश जारी करती है और बीजेपी बंद का समर्थन करती है। यह वैसा ही है जैसे अपराधी खुद श्रद्धांजलि देने पहुँचें।”
कविता ने BC JAC द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया और खैरताबाद जंक्शन पर मानव श्रृंखला बनाकर एक घंटे तक प्रदर्शन किया। मंत्री वाकटी श्रीहरि ने कहा, “42% आरक्षण के लिए कांग्रेस सरकार प्रतिबद्ध थी, है और रहेगी। हम प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि बीसी समुदाय को उनका हक दें।”
मंत्री दनसारी सीतक्का ने कहा, “यह बंद पूरे तेलंगाना के बीसी समुदाय की सामूहिक आवाज़ है। हमने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया, लेकिन केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिला। जब तक 42% आरक्षण बहाल नहीं होता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।”
फिलहाल, प्रशासन ने राज्यभर में सुरक्षा कड़ी कर दी है और हिंसक घटनाओं की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बंद के कारण आर्थिक गतिविधियाँ बुरी तरह प्रभावित हुईं, जबकि राजनीतिक स्तर पर यह आंदोलन तेलंगाना की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर गया है।
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