खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर भारत विरोधी एजेंडे को हवा देने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी, पन्नू ने एक भड़काऊ वीडियो जारी कर भारतीय सेना में शामिल सिख सैनिकों को पाकिस्तान के पक्ष में भड़काने की अपील की है।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पन्नू ने अपने वीडियो संदेश में कहा, “अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया, तो यह भारत और पीएम मोदी के लिए अंतिम युद्ध होगा। भारतीय पक्ष के पंजाबी पाकिस्तानी सेना के लिए लंगर परोसेंगे।” इस बयान के ज़रिये पन्नू न केवल देशद्रोही मानसिकता उजागर कर रहा है, बल्कि भारतीय सेना की एकता को तोड़ने की विफल साजिश रच रहा है।
अपने संदेश में पन्नू ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सिखों और खालिस्तान का “मित्र” है और भविष्य में पंजाब के “आजाद” होने के बाद वह उसका पड़ोसी होगा। उसका कहना है कि सिख सैनिकों को पाकिस्तान के खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए क्योंकि वह उनका “दुश्मन नहीं, बल्कि मित्रवत राष्ट्र” है।
22 अप्रैल को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था। इसमें एक नेपाली नागरिक सहित कुल 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। प्रारंभिक जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने ली थी, लेकिन बाद में उसने इससे इनकार कर दिया जब भारत ने जवाबी कार्रवाई के संकेत दिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आतंकी घटना के बाद सशस्त्र बलों को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि वे “समय, स्थान और तरीके” का चुनाव कर इस हमले का करारा जवाब दें। इसी बीच पन्नू के भड़काऊ बयान सामने आए हैं, जो न केवल देशविरोधी हैं, बल्कि सिख समुदाय के नाम पर भ्रम फैलाने की घटिया कोशिश हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के कई मंत्रियों ने भी आशंका जताई है कि भारत सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। बुधवार (30 अप्रैल) को इसी आशंका के चलते पाकिस्तानी शेयर बाजार में तेज गिरावट दर्ज की गई। भारत की ओर से हालांकि इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
पन्नू का यह बयान न केवल उकसाने वाला है, बल्कि वह खुलेआम भारत के खिलाफ झूठे और नफरत फैलाने वाले दावे कर रहा है। “पहलगाम हिंदू नरसंहार के पीछे नरेंद्र मोदी की सरकार है,” जैसा बयान देकर वह न केवल सच्चाई से मुंह मोड़ रहा है, बल्कि आतंकवाद की आड़ में राजनीति कर रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने पन्नू की इस गतिविधि को गंभीरता से लिया है और उसके खिलाफ पहले से ही देशद्रोह व आतंकवाद से संबंधित कई मामलों में कार्रवाई जारी है। उसकी इस नई साजिश ने एक बार फिर साबित किया है कि वह खालिस्तान के नाम पर विदेशी सरजमीं से भारत में अराजकता फैलाने की कोशिश में जुटा हुआ है।
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