अयोध्या लाइट्स की चोरी के मामले ने लिया नया मोड़; ‘लाइट्स लगाई ही नहीं’ प्रशासन का दावा!

यश इंटरप्राइजेस के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने एफआईआर दर कर दावा किया था, की रामपथ और भक्तिपथ पर लगे लाइट्स की चोरी हुई थी, जिनमें 3800 बंबू लाइट्स और 36 गोबो लाइट्स है। इनकी कीमत लगभग 50 लाख के करीब बतायी गयी थी।

अयोध्या लाइट्स की चोरी के मामले ने लिया नया मोड़; ‘लाइट्स लगाई ही नहीं’ प्रशासन का दावा!

The case of theft of Ayodhya lights took a new turn; Administration claims 'Lights were not installed'!

बुधवार (14 अगस्त) अयोध्या प्रशासन ने यश इंटरप्राइज द्वारा रामपथ और भक्तिपथ में लगी आकर्षक लाइट्स की चोरी की एफआईआर बाद स्पष्टीकरण दिया है। विभागीय आयुक्त ने दावा किया है, कठोर सुरक्षा और लाइट्स की उंचाई देखते हुए इतने बड़े पैमाने पर चोरी होना असंभव है। साथ ही उन्हें कॉट्रॅक्टर्स द्वारा लाइट्स बैठाईही नहीं गई ऐसा संशय है। विभागीय आयुक्त ने बताया है की ‘अयोध्या विकास प्राधिकरण’ संशयीत मामले में छानबीन कर रही है। यदि शिकायतकर्ता का दवा झूठा निकलता है तो उसपर कड़ी करवाई करने की बात भी विभागीय आयुक्त गौरव दयाळ ने की।

विभागीय आयुक्त ने कहा है कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार रामपथ एवं भक्तिपथ पर लगे लाइट्स की देखभाल करने की जिम्मेवारी कॉन्ट्रेक्टर की होगी। ऐसे में लाइट्स के साथ कुछ भी होने पर कॉन्ट्रैक्टर जिम्मेदार होंगे। साथ ही आयुक्त कादावा है की सुरक्षा में कोई भी कमी नहीं साथ ही ठेकेदार को काम के पैसे भी नहीं दिए गए है। ठेकेदार की शिकायत अगर गलत पाई जाती है तो उनपर कठोर कारवाई करने की बात प्रशासन ने कि है।

यश इंटरप्राइजेस के प्रतिनिधि शेखर शर्मा ने एफआईआर दर कर दावा किया था, की रामपथ और भक्तिपथ पर लगे लाइट्स की चोरी हुई थी, जिनमें 3800 बंबू लाइट्स और 36 गोबो लाइट्स है। इनकी कीमत लगभग 50 लाख के करीब बतायी गयी थी। साथ ही इन लाइट्स की चोरी 2 महीने पूर्व होने की बात भी की जा रही थी।

एफआईआर में दावा किया गया है की कंपनी को मई के महीने में चोरी की जानकारी मिली थी, जबकि उन्होंने अगस्त में शिकायत की थी, मगर अब प्रशसान द्वारा आरोप को अस्वीकार किया गया है, जिसके बाद ये अयोध्या में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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