बिहार से चेंबूर मुंबई लाकर बच्ची से काम करवाना पति पत्नी को पड़ा भारी,बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही ये बात

बिहार से चेंबूर मुंबई लाकर बच्ची से काम करवाना पति पत्नी को पड़ा भारी,बॉम्बे हाईकोर्ट ने कही ये बात

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिहार से लाकर 10 साल की मासूम बच्ची से घरेलू नौकर के तौर पर काम करवाने वाले पति पत्नी के खिलाफ मामला रद्द करने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले को सिर्फ इसलिए रद्द नहीं किया जा सकता है कि पीड़िता के अभिभावको व आरोपी ने आपसी सहमति से मामले को सुलझा लिया है। न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने कहा कि ऐसे मामले को रद्द करने से समाज पर विपरीत असर पड़ेगा। एक हाउसिंग सोसायटी के कर्मचारी ने रंजीत कुमार प्रसाद नाम के दंपति के खिलाफ चेम्बूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस मामले की जांच के बाद एफआईआर दर्ज कर दंपति के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था। जिसे रद्द करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दंपति की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विशाल कनाडे कहा कि पुलिस ने सुनी सुनाई बातों के आधार पर मामला दर्ज किया है। आपने अभिभावकों से मिलने के बाद पीड़िता ने अपनी शिकायत वापस लेने की इच्छा जाहिर की है। यह शिकायत गलतफहमी के चलते दर्ज कराई गई थी। बच्ची के माता-पिता के पांच बच्चे हैं। उन्होंने स्वेच्छा से बच्ची को मेरे मुवक्किल के साथ भेजा था। अब मेरे मुवक्किल ने बच्ची के माता पिता के साथ सुलझा लिया है। इसलिए मामले को रद्द कर दिया जाए। सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि आरोपी पर गंभीर आरोप है। ऐसे में यदि मामला रद्द किया जाता है तो इसका समाज पर विपरीत असर पड़ेगा। इस पर खंडपीठ ने कहा कि महज समझौते के आधार पर मामले को नहीं रद्द किया जा सकता है।

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