पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के काकद्वीप में देवी काली की मूर्ति के सिर काटने की घटना के कुछ दिनों बाद पुलिस ने टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) से जुड़े एक कार्यकर्ता नारायण हलदार को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी गुरुवार (23 अक्टूबर) को की गई।
राज्य पुलिस ने बयान जारी कर कहा,“खुफिया जानकारी के आधार पर, भूपति हलदर के बेटे नारायण हलदर (28) को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ के दौरान, उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार की और अपने किए पर पछतावा जताया। यह पता चला कि मूर्ति को अपवित्र करने वाली घटना के दौरान वह नशे में था।”
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में नारायण ने अपराध स्वीकार किया और अपने कृत्य पर पछतावा भी व्यक्त किया। जांच में यह सामने आया कि वह घटना के समय नशे की हालत में था, और इसी दौरान देवी काली की मूर्ति का सिर काट दिया गया। हालांकि, पुलिस ने इस मामले को राजनीतिक या साम्प्रदायिक रंग देने से इनकार करते हुए इसे एक स्थानीय मामला बताया है।
दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने भले ही किसी राजनीतिक कोण से इनकार किया हो, लेकिन नारायण हलदार तृणमूल कांग्रेस का कार्यकर्ता है। यह बात खुद उसके पिता भूपति हलदार ने स्वीकार की। उन्होंने ABP आनंदा से बातचीत में कहा,“मेरे पिता ने करीब 15-20 साल पहले टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। मैं खुद टीएमसी का समर्थक हूं और मेरा बेटा नारायण भी टीएमसी का कार्यकर्ता है।”
भूपति हलदार ने उन दावों को सिरे से खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि नारायण का संबंध भाजपा की युवा इकाई से है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “वह भाजपा समर्थकों के साथ उठता-बैठता तक नहीं है।”
भूपति हलदार ने यह भी दावा किया कि देवी काली की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने में 7-8 लोग शामिल थे, लेकिन पुलिस ने केवल उनके बेटे को ही गिरफ्तार किया। उनका कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक दबाव में की गई है, जबकि बाकी आरोपियों को नजरअंदाज किया जा रहा है।
काकद्वीप नगर में कुछ दिनों पहले देवी काली की मूर्ति को तोड़ा गया और उसका सिर काट दिया गया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया था। स्थानीय लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं से जुड़ा गंभीर अपराध बताया था और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
जहां पुलिस इस पूरे मामले को स्थानीय विवाद बता रही है, वहीं टीएमसी कार्यकर्ता की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य में लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं, जो हिंदुओ के प्रति धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देती हैं, लेकिन सत्ताधारी दल उन्हें “छोटे-मोटे मामले” कहकर नज़रअंदाज करता है। फिलहाल नारायण हलदार पुलिस हिरासत में है और मामले की जांच जारी है।
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