महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित रोजगार मेले के दौरान एक अजीबोगरीब घटना ने प्रशासनिक जगत में हलचल मचा दी है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में मंच पर बैठीं दो महिला वरिष्ठ अधिकारियों के बीच झगड़ा हो गया। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह विवाद पोस्टमास्टर जनरल (PMG) के पद और चार्ज को लेकर है। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने जिस तरह सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे से उलझने का व्यवहार किया, उसने सरकारी पद की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि ऑरेंज साड़ी पहने अधिकारी शोभा मधाले बताया जा रहा है, वह मंच पर ग्रे साड़ी पहनी अधिकारी सुचिता जोशी के बगल में बैठी थीं। तभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। वीडियो में यह भी दिखाई देता है कि मधाले ने जोशी को कोहनी से धक्का दिया, जिससे सोफे पर रखा पानी गिर गया। इसके बाद उन्होंने जोशी के हाथ को चिकोटी काटी और बार-बार धक्का देने की कोशिश की।
कोहनी से धक्का मारा, चिकोटी काटी….मंच पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में दो महिला अधिकारियों का झगड़ा वायरल! #ViralVideo | #Nagpur pic.twitter.com/1WWPOvkheO
— NDTV India (@ndtvindia) October 25, 2025
उस वक्त केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ठीक सामने बैठे थे और कार्यक्रम जारी था। वहां मौजूद अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस स्थिति से असहज नजर आए।
मामले की पृष्ठभूमि के अनुसार, पोस्टमास्टर जनरल शोभा मधाले (नागपुर) का 8 सितंबर को कर्नाटक-घरवाड़ स्थानांतरण हुआ था। नई नियुक्ति तक नागपुर का चार्ज नवी मुंबई की पोस्टमास्टर जनरल सुचिता जोशी को दिया गया था।
लेकिन मधले ने ट्रांसफर ऑर्डर को अदालत में चुनौती दी और उस पर स्टे ऑर्डर हासिल कर लिया। इसी को लेकर दोनों के बीच चार्ज को लेकर तनातनी चल रही थी, जो आखिरकार गडकरी की मौजूदगी में सार्वजनिक झगड़े का रूप ले बैठी।
रोजगार मेले के दौरान हुई इस अशोभनीय घटना ने डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना है। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट उच्च स्तर पर भेजी जा रही है। सरकारी अधिकारियों द्वारा किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में इस तरह का आचरण “सेवा आचरण संहिता” (Code of Conduct) का उल्लंघन माना जाता है।
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग हैरानी और नाराज़गी जता रहे हैं। कई यूज़र्स ने कहा कि यह दृश्य प्रशासनिक अनुशासन के लिए शर्मनाक है, वहीं कुछ ने इसे सत्ता संघर्ष का सार्वजनिक प्रदर्शन बताया। फिलहाल, डाक विभाग की ओर से इस घटना पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि दोनों अधिकारियों को जल्द कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) जारी किया जा सकता है।
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