दिल्ली की एक अदालत ने इस्लामी-कम्युनिस्ट कार्यकर्ता उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने उमर 16 दिसंबर से 29 दिसंबर तक अंतरिम राहत दी है। यह आदेश बार एंड बेंच की रिपोर्ट के आधार पर सामने आया है।
अदालत ने जमानत मंजूर करते समय कुछ कड़े निर्देश भी जारी किए। आदेश के अनुसार, उमर खालिद को सोशल मीडिया का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी और वह इस अवधि के दौरान केवल परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और मित्रों से ही मिल सकेगा। अदालत ने यह रेखांकित किया कि जमानत केवल एक निजी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दी जा रही है, इसलिए शर्तों का पालन करना अनिवार्य होगा। जमानत के लिए उमर खालिद को ₹20,000 का निजी मुचलका और दो जमानतदार पेश करने का आदेश दिया गया है।
खालिद को इससे पहले भी पारिवारिक कार्यक्रम के लिए राहत मिली थी। इससे पहले भी, जनवरी में एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए उमर खालिद को सात दिन की अंतरिम जमानत दी गई थी। वर्तमान आदेश को उसी क्रम की अगली राहत के रूप में देखा जा रहा है।
उमर खालिद वर्ष 2020 की दिल्ली हिंसा के बड़े साजिश मामले में आरोपी हैं। उस पर और कई अन्य इस्लमी-कम्युनिस्ट कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि वे कथित रूप से उन “मास्टरमाइंड्स” में शामिल थे, जिनकी वजह से फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। मामले में यूएपीए सहित कई गंभीर धाराएँ लगाई गई हैं, और जांच एजेंसियाँ इसे एक बड़ी साजिश के रूप में प्रस्तुत करती रही हैं।
खालिद के वकीलों ने अदालत से दलील दी थी कि परिवार के एक महत्वपूर्ण समारोह में उसकी उपस्थिति आवश्यक है और इससे जांच या मुकदमे की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अदालत ने सभी पहलुओं और पिछली राहत के पालन को ध्यान में रखते हुए सीमित अवधि के लिए यह अंतरिम जमानत प्रदान की। इस फैसले के बाद अब उमर खालिद को निर्दिष्ट अवधि के दौरान शादी से जुड़े कार्यक्रमों में शामिल होने की अनुमति होगी, लेकिन उसे अदालत द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का पालन करना होगा।
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