उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में सोमवार(19 मई) शाम राजधानी एक्सप्रेस और एक अन्य यात्री ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश को लोको पायलटों की सतर्कता ने विफल कर दिया। पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है और मामले की जांच जारी है।
दिल्ली से असम के डिब्रूगढ़ जा रही राजधानी एक्सप्रेस (20504) जब दलेलनगर और उमरताली स्टेशन के बीच (किमी पिलर 1129/14) पहुंची, तब ट्रेन के चालक ने पटरियों पर लकड़ी के टुकड़े और अर्थिंग वायर से बनी रुकावट देखी। उन्होंने तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी, बाधा हटाई और अधिकारियों को सूचना दी।
राजधानी के कुछ समय बाद गुजर रही काठगोदाम एक्सप्रेस (15044) को भी निशाना बनाने की कोशिश की गई, लेकिन लोको पायलट की सतर्कता से हादसा टल गया। हरदोई के पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने घटना स्थल का दौरा किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।
हरदोई पुलिस ने एक आधिकारिक बयान में कहा,“दलेलनगर और उमरताली स्टेशनों के बीच स्थित पिलर नंबर 1129/14 पर ट्रेन ट्रैक पर लकड़ी का एक टुकड़ा होने की सूचना मिली थी। जांच में पाया गया कि लकड़ी का यह टुकड़ा एक लोहे की पट्टी से बंधा हुआ था। रेलवे विभाग और स्थानीय पुलिस द्वारा मामले की गहराई से जांच की जा रही है। अन्य आवश्यक कार्रवाइयां की जा रही हैं।”
इस घटना से पहले जौनपुर ज़िले में भी रेल हादसे की साजिश सामने आई थी। बक्शा थाना क्षेत्र के औंका गांव के पास दो आरोपियों — अफज़ल अली उर्फ सोनू और अफज़ल अली — को रेल पटरी पर स्टील ड्रम रखने की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया था। इन दोनों को रेलवे अधिनियम की धारा 151 और 153 के तहत जेल भेजा गया है।
बार-बार सामने आ रही ऐसी साजिशें रेलवे सुरक्षा के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। इस घटना में राजधानी और काठगोदाम एक्सप्रेस के लोको पायलटों की तेज़ निगाह और त्वरित कार्रवाई से सैकड़ों यात्रियों की जान बच सकी। रेलवे और स्थानीय प्रशासन ने जांच तेज कर दी है और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामों का दावा किया है।
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