28.7 C
Mumbai
Friday, June 20, 2025
होमन्यूज़ अपडेटभारतीय परमाणु ऊर्जा के स्तंभ डॉ. श्रीनिवासन का निधन।

भारतीय परमाणु ऊर्जा के स्तंभ डॉ. श्रीनिवासन का निधन।

उन्हें एक विजनरी वैज्ञानिक, अनुशासित प्रशासक, और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिकों में अग्रणी माना जाता था।

Google News Follow

Related

भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के प्रमुख शिल्पकार और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एम.आर. श्रीनिवासन का मंगलवार को तमिलनाडु के उधगमंडलम में निधन हो गया। वे 95 वर्ष के थे। उनके निधन के साथ ही भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी इतिहास में एक स्वर्णिम युग का समापन हो गया।

डॉ. श्रीनिवासन ने सितंबर 1955 में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) में अपना करियर शुरू किया, जो पांच दशकों से अधिक समय तक चला। उन्होंने भारत के पहले परमाणु अनुसंधान रिएक्टर अप्सरा के निर्माण में डॉ. होमी भाभा के साथ मिलकर कार्य किया, जो अगस्त 1956 में चालू हुआ था।

वर्ष 1959 में वे देश के पहले परमाणु ऊर्जा स्टेशन के प्रधान परियोजना इंजीनियर नियुक्त हुए। इसके बाद 1967 में उन्होंने मद्रास परमाणु ऊर्जा स्टेशन के निर्माण का नेतृत्व किया, जिसने भारत की आत्मनिर्भर परमाणु ऊर्जा क्षमताओं की आधारशिला रखी।

1974 में उन्हें डीएई के पावर प्रोजेक्ट्स इंजीनियरिंग डिवीजन का निदेशक बनाया गया और 1987 में वे परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष तथा डीएई के सचिव बने। इसी वर्ष उन्होंने न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) के संस्थापक अध्यक्ष का दायित्व संभाला।

उनके मार्गदर्शन में भारत ने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में तेज़ी से प्रगति की। उनके कार्यकाल में 18 परमाणु ऊर्जा इकाइयों की योजना और निर्माण हुआ — जिनमें से 7 इकाइयां चालू, 7 निर्माणाधीन, और 4 योजना चरण में थीं। परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग में उनके विशिष्ट योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया, जो देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

उनकी बेटी शारदा श्रीनिवासन ने परिवार की ओर से जारी बयान में कहा,”दूरदर्शी नेतृत्व, तकनीकी प्रतिभा और राष्ट्र के प्रति अथक सेवा की उनकी विरासत भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।” डॉ. श्रीनिवासन की मृत्यु से वैज्ञानिक समुदाय में शोक की लहर है। उन्हें एक विजनरी वैज्ञानिक, अनुशासित प्रशासक, और राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिकों में अग्रणी माना जाता था।

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,229फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
252,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें