लोकसभा चुनाव 2024: अंतिम दो चरण होगा निर्णायक; फिर खिलेगा ‘कमल’?

लोकसभा चुनाव 2024: अंतिम दो चरण होगा निर्णायक; फिर खिलेगा ‘कमल’?

Lok Sabha Elections 2024: The last two phases will be decisive; Will 'lotus' bloom again in UP?

लोकसभा चुनाव के अब आखिरी 2 चरण बचे हैं| इसमें उत्तर प्रदेश की सीटें भी शामिल हैं| इस बार उत्तर प्रदेश में किसकी जीत होगी इसे लेकर तरह-तरह के तर्क दिए जा रहे हैं| देश में एक कहावत काफी कही जाती है कि दिल्ली के सत्ता का उत्तर प्रदेश से होकर जाता है| इसका मुख्य कारण यह है कि इस राज्य में देश में सबसे अधिक 80 लोकसभा सीट आती है। प्रदेश में हो रहे अंतिम चरण का लोकसभा चुनाव काफी निर्णायक होने जा रहा है| क्या एक फिर भाजपा का कमल खिलने जा रहा है| 

बता दें कि पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक, अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर नरेंद्र मोदी तक ये नेता इसी राज्य के सरजमीं से जीतकर देश के प्रधानमंत्री बने| इसलिए लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाली ‘इंडिया’अघाड़ी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत दांव पर लगा दी है| वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश जबर्दस्त होने जा रहा है|

उत्तर प्रदेश में 25 से ज्यादा संसदीय क्षेत्र हैं जिन पर देश की सत्ता निर्भर करती है| अगर इन सीटों पर कोई बदलाव होता है तो 2024 के चुनाव में किसी भी पार्टी की राजनीतिक गणित बिगाड़ सकती है| उत्तर प्रदेश की 80 में से 31 सीटें ऐसी हैं जहां 2019 के चुनाव में जीत और हार के बीच का अंतर 1 लाख वोट या उससे कम है। अगर ये सीटें इधर-उधर गईं तो गणित गड़बड़ा जाएगा क्योंकि लोकसभा चुनाव में 1 लाख से कम वोट ज्यादा नहीं होते| इसलिए लोकसभा चुनाव में भाजपा  के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाली ‘इंडिया’अघाड़ी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंकती दिखाई दे रही है. यूपी में इस वर्ष जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है|

उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव त्रिकोणीय मुकाबला: उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव एनडीए और मायावती की बीएसपी के बीच ‘इंडिया’ के खिलाफ त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2019 के यूपी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 64 सीटें जीती थीं, जबकि एसपी ने 5 सीटें, बीएसपी ने 10 सीटें और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी|पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो 31 सीटों पर अंतर 1 लाख और उससे कम था| इन 31 सीटों में से 22 सीटों पर भाजपा का कब्जा है|6 सीटें बसपा, 2 सीटें सपा और एक सीट अपना दल को मिली थीं|

2019 के यूपी लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 64 सीटें जीती थीं जबकि एसपी ने 5 सीटें, बीएसपी ने 10 सीटें और कांग्रेस ने 1 सीट जीती थी| पिछले चुनाव का विश्लेषण करें तो 31 सीटों पर अंतर 1 लाख और उससे कम था| इन 31 सीटों में से 22 सीटों पर भाजपा जीती है| 6 सीटें बसपा, 2 सीटें सपा और एक सीट अपना दल को मिली थीं| यदि इन सीटों पर मतदाता बदलाव की भूमिका निभाते हैं यह मायावती के लिए टेंशन भी हो सकती है|

चौकाने वाले परिणाम: पिछले लोकसभा चुनाव में कम वोटों वाली 4 सीटें ऐसी हैं, जहां टॉप 2 उम्मीदवारों के बीच अंतर 10 हजार से भी कम है, जिनमें से 2 सीटों पर 5 हजार से कम वोट हैं| इसके अलावा 5 सीटें ऐसी हैं, जहां बहुमत वोट 10 से 20 हजार के बीच है| लोकसभा की 7 सीटें जिनमें बहुमत वोट 20 से 50 हजार के बीच है| इसके अलावा 15 सीटों पर बहुमत वोट 50 हजार से 1 लाख तक रही हैं| इस बार कड़े मुकाबलों में यदि कोई पार्टी बढ़त बनाती है तो चौकाने वाले परिणाम आ सकते हैं| 

2014 के चुनाव में मोदी लहर: 2014 के चुनाव में भाजपा ने 80 में से 71 सीटें जीतीं, जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन के बावजूद भाजपा ने 62 सीटें जीतीं| दोनों चुनावों में भाजपा ने अपने सहयोगियों को 2-2 सीटें दी थीं| पिछले 2 चुनावों में विपक्षी पार्टी ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा पाई| लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मैदान में उतर आई हैं|अखिलेश यादव ने मुस्लिम-यादव समीकरण को आगे बढ़ाया है| इतना ही नहीं चुनाव में सपा-कांग्रेस की नजर गैर यादव ओबीसी पर है| इसके बावजूद एक फिर बड़े अंतर से भाजपा उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटें जीतने वाली हैं|  

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