अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है, अमेरिका ने चीन को लगाई फटकार!

पिछले दशक में, चीन ने बंजर चट्टानों को सात द्वीपों में बदल दिया है,जो अब मिसाइल-संरक्षित द्वीप अड्डों के रूप में जानी जाती हैं,इसके साथ ही उसने अपने क्षेत्रीय दावों और गश्त को मजबूत करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया है।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है, अमेरिका ने चीन को लगाई फटकार!

Arunachal Pradesh is an integral part of India, America rebuked China!

फिलीपींस में अमेरिका की विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने चीन को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक हिस्सा है| इस पर चीन नजर गढ़ना ठीक नहीं है| वही दूसरी ओर चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। पिछले दशक में, चीन ने बंजर चट्टानों को सात द्वीपों में बदल दिया है,जो अब मिसाइल-संरक्षित द्वीप अड्डों के रूप में जानी जाती हैं,इसके साथ ही उसने अपने क्षेत्रीय दावों और गश्त को मजबूत करने की अपनी क्षमता को बढ़ाया है।

वाशिंगटन भारत-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य गठबंधन और सुरक्षा संबंधों को मजबूत कर रहा है, जिसमें फिलीपींस, वियतनाम और विवादित समुद्र में चीन के साथ मतभेद रखने वाले अन्य देश शामिल हैं। इसी को लेकर वर्ष 2012 में चीन ने एक और विवादित एटोल – उत्तर-पश्चिमी फिलीपींस से दूर स्कारबोरो शोल – पर प्रभावी ढंग से कब्ज़ा कर लिया, इसके बाद मनीला बीजिंग के साथ अपने विवादों को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता में ले आया और बड़े पैमाने पर जीत हासिल की।

अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर करारी हार के बावजूद भी चीन अपना रार छोड़ता नहीं दिखाई दे रहा है|अक्सर भारत की सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव चीन अपने नापाक इरादों से बाज नहीं आता है| यही कारण है कि वह सीमा क्षेत्रों में भी अपने सैनिकों की गतिविधियों को अक्सर बढ़ाता भी दिखाई देता रहता है|कई बार भारत और चीन के सैनिक सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने भी आये| सीमांत क्षेत्रों में तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बातचीत भी आला सैन्य अधिकारियों सहित डिप्लोमेटिक माध्यम से की गयी, लेकिन समस्या का समाधान निकालने की बजाय चीन अक्सर मामलों व बातों पर टालमटाली करता दिखाई दिया| 

यही कारण है कि अमेरिका की विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकन ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावों की हवा निकाल दी है| एंटनी ने कहा कि चीनी सेना बार-बार अरुणाचल प्रदेश को चीन हिस्सा कहती है, लेकिन अमेरिका उसे भारतीय क्षेत्र के रूप में मान्यता देता है| एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिका वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार किसी भी तरह से चीनी दावों का कड़ा विरोध करता है| वही दूसरी ओर जो बाइडेन सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि हम ड्रैगन के एक तरफ़ा अतिक्रमण का तीव्र विरोध करते हैं| 

बता दें कि गत दिनों पहले पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश दौरे के बाद चीन ने प्रदेश को अपना हिस्सा बताया था, जिसके बाद अमेरिका ने ड्रैगन कड़ी फटकार लगाई है| वही दूसरी ओर चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग जियोगांग ने कहा था कि अरुणाचल का चीन का भाग है| साथ ही प्रवक्ता ने यह तक कह डाला कि चीन कभी भी भारत के अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता है|इसके साथ ही वह अरुणाचल प्रदेश को ‘जंगनान ‘ के नाम से मान्यता देता है| 

चीनी प्रवक्ता की बेतुकी बयान पर भारत ने भी तीखे शब्दों में इसका विरोध किया था| बता दें कि इसे गंभीरता से लेते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन के दावे को बेबुनियादी बताते हुए ख़ारिज कर दिया था| जायसवाल ने भारत की बात को दोहराते हुए कहा अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था और हमेशा रहेगा| उन्होंने यह भी कहा कि आधारहीन तर्क और अर्थहीन दावों को कोई वैधता नहीं मिलती है| 

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