भूपेश बघेल बनाम विजय बघेल: BJP बनाएगी CM चेहरा?

 बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल के सामने पाटन सीट से विजय बघेल को उतार कर कांग्रेस की टेंशन बड़ा दी है। माना जा रहा है कि बीजेपी विजय बघेल को सीएम चेहरा भी बना सकती है।

भूपेश बघेल बनाम विजय बघेल: BJP बनाएगी CM चेहरा?

चाचा भतीजे की लड़ाई महाराष्ट्र या यूपी में ही नहीं है। अब यह लड़ाई छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिलेगी। जी हां !,बीजेपी ने जो गुरुवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए पहली उम्मीदवारों की सूची जारी की है। जिसमें पाटन सीट से विजय बघेल को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के सामने उतारा है। भूपेश बघेल पाटन से विधायक हैं। वहीं, विजय बघेल दुर्ग से सांसद हैं। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं की लड़ाई बड़ी दिलचस्प होगी।

दरअसल, छत्तीसगढ़ बीजेपी में कोई फायर ब्रांड नेता दिखाई नहीं दे रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भले राज्य में “चाउर वाले बाबा” के नाम से जाने जाते हो, लेकिन वर्तमान उनका क्रेज कम  होता दिख रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि रमन सिंह की छवि सौम्य नेता की है। यही वजह है कि तीन कार्यकाल पूरा करने के बाद रमन सिंह निर्जीव पड़ी, कांग्रेस से लड़ने में नाकाम रहे हैं। बहरहाल मुद्दे पर आते हैं। बीजेपी विजय बघेल के सहारे छत्तीसगढ़ में वापसी करने का सपना संजोय रही है। बताया जा रहा है कि बीजेपी में विजय बघेल के आलावा ऐसा कोई नेता नहीं है जो भूपेश बघेल से सीधे लड़ाई ले सके। इसीलिए बीजेपी ने विजय बघेल पर अपना भरोसा जताया है। अब देखना होगा की विजय बघेल बीजेपी के उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।बताया जा रहा है कि विजय बघेल की पाटन सीट पर सबसे अच्छी पकड़ है। बीजेपी के एक आंतरिक सर्वे में सामने आया है कि इस सीट से अगर पार्टी संघ का चेहरा या ओबीसी उम्मीदवार उतारती है तो जीत हासिल की जा सकती है। इसके बाद बीजेपी ने विजय बघेल पर दांव लगाया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” वाले फार्मूले को बीजेपी ने लागू किया है। बताते चले कि बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को लोग छत्तीसगढ़ का नहीं मानते हैं। हालांकि उनका जन्म छत्तीसगसढ़ के कवर्धा जिले में हुआ था जिसे अब कबीरधाम से जाना जाता है। यही वजह है कि उनके खिलाफ कई बार आवाज उठ चुकी है। बीजेपी विजय बघेल को पाटन से उतार कर भूपेश बघेल को उनके घर में ही घेरे रखना चाहती है। बीजेपी चाहती है कि भूपेश राज्य भर में ना घूम पाएं।

बताया जा रहा है कि 2000 में हुए मनमुटाव के बाद दोनों नेताओं की राह अलग हुई थी। दरअसल, विजय बघेल और भूपेश बघेल कांग्रेस में ही थे। लेकिन 2000 में बने नए नवेले भिलाई  चरोदा निगम में टिकट को लेकर कलह हो गया। भूपेश बघेल ने निगम चुनाव के लिए अपने चाचा स्वर्गीय श्यामाचरण बघेल को टिकट दे दिया। इसके बाद भतीजा यानी विजय बघेल ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए, जहां उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस नेताओं को पटखनी देकर जीत दर्ज की थी और वे पांच साल अध्यक्ष की कुर्सी भी संभाले थे।

भिलाई सीएम भूपेश बघेल का गृह क्षेत्र है। विजय बघेल 2003 में भी पाटन से भूपेश बघेल के सामने उतरे थे। लेकिन वे अपने चाचा से हार गए थे। तब उन्होंने एनसीपी के टिकट से चुनाव लड़ा था। इसके बाद विजय बघेल ने 2008 के विधानसभा में भूपेश बघेल के सामने फिर ताल ठोंके। इस बार बाजी विजय बघेल के हाथ लगी यानी वे इस सीट पर जीत दर्ज की। इस बार वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। 2013 में विजय बघेल फिर भूपेश बघेल के सामने उतरे, लेकिन वे इस बार हार गए। 2018 में पाटन सीट से बीजेपी नेता मोतीराम साहू को उतारा गया था। लेकिन वे हार गए। अब एक बार फिर 2023 में चाचा भतीजा आमने सामने हैं। चाचा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री हैं तो, भतीजा सांसद है।

बताया जा रहा है कि 23 साल में भूपेश बघेल ने एक बार भी विजय बघेल पर राजनीतिक हमला नहीं किया। लेकिन बीजेपी द्बारा विजय बघेल को चुनाव पत्र समिति का संयोजक बनाकर राज्य का बड़ा चेहरा बनाया है। इसके बाद से भूपेश बघेल विजय बघेल पर हमलावर हैं। वहीं, ऐसी भी खबरें है कि भूपेश बघेल पाटन के अलावा दूसरे सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि वे खैरागढ़ या वैशालीनगर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस भूपेश बघेल को ही प्रमोट करने वाली है। वे कांग्रेस के स्टार प्रचारक हैं।

कहा जा रहा है कि बीजेपी भूपेश बघेल को घेरने का पूरा प्रयास करेगी। पार्टी जनता में यह संदेश देने की कोशिश करेगी कि अगर विजय बघेल भूपेश बघेल को हरा देते हैं तो वे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं।बताया जा रहा है कि बीजेपी को इससे दोहरा फायदा होगा। पहला यह कि वह अपने बिखरे मतदाताओं को एकजुट करने में कामयाब होगी। दूसरा छत्तीसगढ़ के लोगों में गहराई से उतर सकेगी। वहीं, कांग्रेस में जारी गुटबाजी और हाल ही अरविंद नेताम के पार्टी से अलग होने का लाभ भी मिल सकता है।

अरविंद नेताम ने कांग्रेस से अलग होकर हमर राज पार्टी बनाने का ऐलान किया है। यानी बीजेपी  कांग्रेस को इस बार कड़ी टक्कर देने के मूड है। ऐसे में क्या भूपेश बघेल अपनी कुर्सी बचा पाएंगे ? यह तो आने वाला समय ही बताएगा ,फिलहाल तो कांग्रेस की टेंशन बड़ी हुई है।

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