राहुल गांधी की राह पर प्रियंका गांधी! रैली में मारी आंख

गुरुवार को प्रियंका गांधी ने अपने भाई राहुल गांधी की तरह ही मध्य प्रदेश के मंडला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आंख मारी। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष दोनों नेताओं की गंभीरता पर सवाल खड़ा हो गया है।

राहुल गांधी की राह पर प्रियंका गांधी! रैली में मारी आंख

मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है और राजनीति पार्टियां जनता के बीच पैठ बनाने की जोर आजमाइश कर रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। यही वजह है कि दोनों दलों के बड़े बड़े नेता चुनाव प्रचार में जुटे हैं। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश के मंडला में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए आँख मारी। इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पहले भी प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी ने संसद भवन में आंख मार चुके है। इसके अलावा उनकी हरकतों पर सवाल उठता रहा है। ऐसे में कांग्रेस के शीर्ष दोनों नेताओं की गंभीरता पर सवाल खड़ा हो गया है, सवाल यह है कि क्या ये नेता राजनीति के प्रति गंभीर है।

दरअसल, गुरुवार को मध्य प्रदेश में मंडला में थी। जहां वे एक जनसभा को संबोधित करते हुए  आंख मारी थी। लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि” मंडला जबलपुर सड़क दस साल से नहीं बनी। इसी दौरान एक युवक ने सभा में उठकर चिल्लाकार कहा कि” वो भी ढंग से नहीं बनी ….  युवक की इस बात को सुनकर प्रियंका गांधी ने मुस्कराते कहा कि आप ही आ जाइये मंच पर। प्रियंका गांधी ने जब यह बात कही , उस दौरान उन्होंने आंख मारकर यह बात कही। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सड़क दस साल में भी नहीं बनी, जबकि युवक ने कहा कि “ढंग से नहीं बनी”। दोनों बातों में जमीन आसमान का अंतर है। एक ने कहा कि सड़क नहीं बनी है, जबकि जनता ने कहा कि बनी है, लेकिन सही तरीके से नहीं बनी है।

यह तो बात रही, सच और झूठ की, यह जनता तय करेगी कि प्रियंका झूठ बोल रही हैं या सच ? इस पर आगे चर्चा करते हैं। सवाल यह है कि, क्या प्रियंका गांधी ने आंख मारकर इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। अगर उन्होंने मंडला जबलपुर सड़क पर सही बातें बोलती तो युवक को उठकर बोलने की जरुरत नहीं होती। बहरहाल, गांधी परिवार से प्रियंका गांधी ही नहीं, बल्कि राहुल गांधी ने भी संसद में दो बार आंख मार चुके है और इसी साल उन्होंने फ्लाई किस भी उछाला था। बार बार कांग्रेस के नेताओं द्वारा कहा जाता है कि राहुल गांधी अब गंभीर हो गए हैं अब वह परिपक्व नेता बन गए हैं। लेकिन, क्या राहुल गांधी गंभीर नेता बन गए? क्या 50 साल के उम्र में किसी व्यक्ति के परिपक्व होने की बात कही जा सकती है। कांग्रेस नेताओं द्वारा यह कहना कि अब वह परिपक्व हो गए हैं। यही बात राहुल गांधी के लिए नकारात्मकता को रेखांकित करती है। जो नेता प्रधानमंत्री पद का दावेदार हो उसके द्वारा सार्वजनिक मंच से ऐसे ही हरकत सही है।

इससे पहले राहुल गांधी 3 अगस्त 2018 में संसद में आंख मारी थी। तब खूब हंगामा मचा था। तब यह पहला मौक़ा था जब विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। तब राहुल गांधी अपना भाषण खत्म करने के बाद पीएम मोदी के गले मिलने उनकी कुर्सी तक चले गए थे। जब वह वापस अपनी सीट पर लौटे तो ज्योतिराज सिंधिया की ओर देखकर आंख मारी थी। जिसके बाद बीजेपी ने इसकी खूब आलोचना की थी। हालांकि, अब ज्योतिराज सिंधिया बीजेपी में केंद्रीय मंत्री हैं। इसके बाद राहुल गांधी 2019 में भी कुछ ऐसी ही हरकत किये थे। जब राफेल डील को लेकर चर्चा हो रही थी। उस समय उन्होंने सरकार को घेरा था। लेकिन जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोल रहीं थी तो उन्होंने उनसे कुछ सवाल पूछे और फिर अपने साथियों की ओर देखकर आंख मारी थी। जिसकी तस्वीर आज भी देखी जा सकती है।

वहीं, इसी साल जब दूसरी बार विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था तो उस समय भी राहुल गांधी ने घेरा। लेकिन जब भाषण खत्म कर संसद से बाहर निकल रहे थे तो उन पर फ्लाई किस करने का आरोप लगा था। जिस पर खूब हंगामा मचा था। ऐसे में प्रियंका गांधी की ऐसी हरकत पर सवाल उठना लाजमी है। क्या ये नेता मुद्दों के प्रति गंभीर हैं। क्या ऐसी हरकत सार्वजनिक मंच पर शोभनीय है। प्रियंका गांधी के बारे में कहा जाता है कि उनमें इंदिरा गांधी की छवि दिखाई देती है। क्या प्रियंका गांधी की यह हरकत एक गंभीर नेता रूप में रेखांकित करती है। एक तरह से मंडला जबलपुर सड़क का मुद्दा उठाने वाले युवक की प्रियंका गांधी ने माखौल ही उड़ाया है। क्या प्रियंका गांधी का यह व्यवहार शोभनीय कहा जा सकता है? इसका जबाब जनता ही ढूंढे तो अच्छा है। उन्हें भी पीएम पद का दावेदार माना जाता है,तो ऐसा व्यवहार क्या सही है ?

अब बात उस सड़क की, जिस पर प्रियंका गांधी ने आंख मारी। दरअसल, जबलपुर मंडला सड़क शुरू से ही विवादों में रही है। गुणवत्ताविहीन और निर्माण कार्य में देरी होने की वजह से  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले साल नवंबर में सार्वजनिक मंच से माफ़ी मांगी थी। इस मामले में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शुरू में जिस कंपनी को टेंडर दिया गया था उसका टेंडर रद्द कर दिया था। और कहा था कि जल्द ही इस सड़क के अधूरे कार्यों को पूरा किया जाएगा। इस सड़क पर अधिक गड्ढे की वजह से आये दिन हादसे होते रहते हैं।  लेकिन,प्रियंका गांधी का यह कहना कि यह सड़क बनी ही नहीं है,यह पूरा सच नहीं है। ऐसे में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एक नेता के रूप में गंभीरता दिखानी होगी।अन्यथा  उन पर बार बार सवाल खड़ा होता रहेगा।

 

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