कोरोना पर राजनीति,रद्द होगी पदयात्रा? 

कोरोना पर राजनीति,रद्द होगी पदयात्रा? 
दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार ने भारत जोड़ो यात्रा को रोकने  को कहा है। जिस पर कांग्रेस ने राजनीति करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने इसे साजिश करार देते हुए कहा कि बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा से डर गई है। इसी वजह से इस यात्रा को रोकने के लिए कह रही है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अभी और आक्रामक होगी। कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान में बीजेपी की जन आक्रोश यात्रा पर को रद्द करने को नहीं कहा गया है। तो भारत जोड़ो यात्रा को कैसे रोका जा सकता है ?

गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राहुल गांधी के नाम पत्र लिखकर भारत जोड़ो यात्रा को बंद करने को कहा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अगर यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पालन नहीं किया जा रहा है तो भारत जोड़ो यात्रा को रोक देना चाहिए। उन्होंने लेटर में लिखा है कि यह देशहित में है। लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या राहुल गांधी स्वास्थ्य मंत्रालय की नसीहत मानेंगे ? क्या भारत जोड़ो यात्रा रोकी जाएगी ? ऐसा तो नहीं लगता कि  कांग्रेस इतनी आसानी से स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह को मान ले।

वहीं, जानकारों का कहना है कि इस लेटर के साथ ही कांग्रेस पूरी तरह से बीजेपी और मोदी सरकार पर हावी हो जायेगी। जनता के सामने कांग्रेस यह दिखाने की कोशिश करेगी कि सही में बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा से डर गई है। इसलिए बीजेपी भारत जोड़ो यात्रा को रोकने को कह रही है। कांग्रेस असली मुद्दे को छुपाकर फर्जी मुद्दे को हाईलाइट करने के मूड में है। ऐसा उसने करना शुरू भी कर दिया है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने इस संबंध में कहा कि क्या पीएम मोदी गुजरात चुनाव के दौरान  मास्क लगा रखा था। अब अधीर रंजन को कौन समझाये कि गुजरात चुनाव के दौरान क्या ऐसी ही स्थिति थी। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखकर हैरान और परेशान है। इसीलिए भारत जोड़ो यात्रा को रोकने के लिए चिट्टी लिखी जा रही है। जो एक राजनीति साजिश है।

वहीं, अशोक गहलोत ने कांग्रेस को दी गई चिट्टी पर आग बबूला हो गए। उन्होंने कहा कि 20 तारीख को भारत जोड़ो यात्रा में भारी संख्या में भीड़ देखकर 21 तारीख को इस यात्रा को रोकने के लिए साजिश रची गई है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में जुट रही भीड़ को देखकर मोदी सरकार डर गई और इस यात्रा को रद्द करने के लिए हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना के बहाने भारत जोड़ो यात्रा को रोकने में कामयाब नहीं होगी। अब यह यात्रा कश्मीर में ही जाकर रुकेगी।

वहीं, कई रिपोर्ट में दावा भी किया जा रहा है कि जिस तरह से राजस्थान में कांग्रेस में बिखराव था उस पर लगाम लगी है। लोगों का कहना है कि पार्टी में यह बिखराव समाप्त हो गया है। लोगों ने कहा कि राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के पहुंचने पर पार्टी एकजुट हो गई है। कहने का मतलब यह है कि सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट और हाईकमान के बीच कांग्रेस बंटी हुई थी। भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में पहुंचने पर पार्टी ने एकजुटता दिखाई है। यह कितना सही है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

दूसरी तरफ यह भी कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्टी का भारत जोड़ो यात्रा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। यह यात्रा नहीं रुकेगी। इस लेटर को कांग्रेस हथियार बनाकर जोर शोर से उठाएगी। कांग्रेस और उसके नेता केवल चिट्टी को राजनीति से जोड़कर देंखेंगे और इससे मुद्दा बनाएंगे। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में जुट रहे हैं। इस सवाल का जवाब मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता कमलनाथ के बेटे ने अच्छी तरह दिया है। कमलनाथ के बेटे की बात में सच्चाई है तो राहुल गांधी को नकुलनाथ ने आइना दिखाया है।

अब यह जान लेते है कि आखिर नकुलनाथ ने भारत जोड़ो यात्रा के बारे में क्या कहा ? तो उन्होंने कहा कि मेरी रैली में भारत जोड़ो यात्रा से ज्यादा लोग जुटते हैं। उन्होंने दावा क़िया कि जब मध्य प्रदेश में भारत जोडो यात्रा थी उस समय पूरे समय मै राहुल गांधी के साथ था। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मै बैसरिया के लोगों को बताना चाहता हूं कि यहां भारत जोड़ो की अपेक्षा ज्यादा भीड़ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत जोड़ो यात्रा में कितनी भीड़ जुट रही है।

अब मामला यह है कि ऐसी कौन सी वजह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय को राहुल गांधी को लेटर लिखकर यह कहना पड़ा कि भारत जोड़ो यात्रा को रोक दिया जाए या कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाए। दरअसल, चीन और अमेरिका में कोरोना को लेकर कोहराम मचा हुआ है। यहां बड़ी संख्या में लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में मौत भी हो रही है और मरीजों के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में चीन में 10 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से मर सकते हैं। जबकि चीन की 80 करोड़ लोग संक्रमित होंगे।

दूसरा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर चीन में वैक्सीन लगने के बावजूद कोरोना चीन का पीछा नहीं छोड़ा। रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि चीन की कोरोना वैक्सीन उतनी प्रभावी साबित नहीं हो रही है, जितनी की भारत की वैक्सीन प्रभावी है। कहा जा रहा है कि इसी वजह से चीन में बड़ी संख्या में लोग कोरोना से मर रहे और संक्रमित हो रहे हैं। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना प्रोटोकॉल में चीन द्वारा दी गई ढील की वजह से कोरोना का विस्फोट हुआ है। जो अब चीन में तबाही मचा रहा है। बता दें कि पिछले दिनों चीन में लोग  बड़ी संख्या में सड़क पर उतर विरोध प्रदर्शन किया था। जहां यह मांग की जा रही थी कि कोरोना नियमों में ढील  जाए।

इसके बाद चीन सरकार इन प्रदर्शनकारियों के आगे झुकते हुए कोरोना नियमों में ढील दी बाद कोरोना में एक बार फिर तबाही मचा रहा है। यहां के कब्रिस्तानों में शवों को दफनाने के लिए  जगह नहीं मिल रही है। अगर भारत की बात करें तो  कुल 3 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।  भारत सरकार ने एक बार फिर लोगों को सतर्क रहने को कहा है ,इतना ही नहीं सभी लोगों से बूस्टर डोज लेने को कहा है। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह मानती है कि नहीं ? अगर नहीं मानती है तो कोरोना विस्फोट होने पर क्या इसकी जिम्मेदारी लेगी ?

 ये भी पढ़ें 

 

माविआ का ‘नैनो’ मोर्चा

भारत को जयचंदों से ज्यादा खतरा!

गोपीनाथ मुंडे के गृहमंत्री बनते ही, दाऊद छोड़ भागा था भारत

Exit mobile version