15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किले से जनता भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने के लिए जनता से सहयोग मांग था। ऐसे में साफ़ हो गया था कि आने वाले समय केंन्द्र सरकार भ्रष्टाचारियों पर बड़ा चोट करेगी। जिसकी शुरुआत दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से कर दी है। शराब घोटाले में फंसे दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को दावा किया कि उन्हें एक दो दिन में गिरफ्तार किया जा सकता है। लेकिन बात में कितनी सचाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। सिसोदिया जिस तरह से इस मामले को राजनीति रंग देने की कोशिश कर रहे हैं उससे साफ़ लग रहा है। आने वाले दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की काली करतूत जनता के सामने आने वाली है।
बहरहाल अब यह जाने की कोशिश करते हैं कि मामला क्या है। दरअसल 22 जुलाई 2022 को दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली सरकार की 2021 की एक्साइज़ पॉलिसी की सीबीआई जांच कराने के आदेश दिए थे.
दिल्ली के मुख्य सचिव का आरोप है कि इस पॉलिसी के तहत कोरोना महामारी के दौरान शराब बिज़नेस में घाटा हुआ था। इसके बाद घाटे का हवाला देकर लाइसेंस फ़ीस ख़त्म कर दी गई थी. बताया गया कि इसमें दिल्ली सरकार को 140 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.लेकिन यह भी कहा जाता है कि लाइसेंस देने के बदले रिश्वत ली गई। जिसका इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने पंजाब में चुनाव लड़ने में किया। इस मामले पर भारी हंगामा हुआ तो सिसोदिया ने 1 अगस्त 2022 को पॉलिसी को वापस ले लिया। और कहा कि अब शराब सिर्फ़ सरकारी दुकानों में ही बिकेगी. जबकि 2021 में शराब की सभी दुकानें निजी हाथों में सौंप दी गई थीं.
भ्रष्टाचार के नाम पर दिल्ली की सत्ता पर काबिज केजरीवाल के एक नेता सत्येंद्र जैन धनशोधन के मामले में जेल की हवा खा रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर खड़ी की गई आम आदमी पार्टी पर आज भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। कई नेता पार्टी छोड़कर चले गए हैं. जैसे-जैसे पार्टी सत्ता का स्वाद चखती गई उसी तरह विचारधारा भी बदलती रही। देश को नंबर एक बनाने का सपना दिखाने वाले केजरीवाल, जनता को कई सपने दिखा चुके हैं। लेकिन सपने बेचते बेचते केजरीवाल के मंत्री दलाली करने लगे।
बहरहाल, यह रहे सिसोदिया पर आरोप। लेकिन शुक्रवार को जब सीबीआई ने उनके घर पर छापेमारी की तो सिसोदिया ने खुद को कट्टर ईमानदार बताया। होना भी चाहिए। लेकिन इसका सबूत आप नहीं दे सकते यह तो कोर्ट और जांच एजेंसी ही बताएंगी की आप की बात में कितनी सच्चाई है। तो आप जांच होने दीजिये, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। लेकिन दिल्ली के सरकार के मंत्री ईमानदारी का चोला पहने हैं, लेकिन उसे शायद ही फॉलो करते है। यह बड़ा सवाल है। यही वजह रही कि शराब घोटाले मामले को दिल्ली के स्कूलों से जोड़ दिया गया। आम आदमी पार्टी नेताओं का कहना कि सिसोदिया ने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया तो उन पर केंद्र की सरकार कार्रवाई कर रही है। इस संबंध में जब न्यूयार्क टाइम्स ने खबर छापी तो पीएम मोदी की सरकार ने सिसोदिया पर कार्रवाई की। जबकि बीजेपी ने इस मामले पर आरोप लगाया कि दिल्ली की केजरीवाल ने न्यूयार्क टाइम्स में पैसे देकर खबर छपवाई है। बीजेपी ने आरोप लगाया कि यही खबर खलील टाइम्स में भी छपी है।
लेकिन, केजरीवाल खुलकर सिसोदिया के समर्थन में आ गए। और न्यूयार्क टाइम्स में छपे ईमानदारी के प्रमाणपत्र को लहराने लगे। कुछ समय से भारत में जांच एजेंसियों का मजाक उड़ाने का चलन बढ़ा है। ऐसा विपक्ष कर रहा है। उनके नेताओं को भ्रष्टाचार के मामले में पकड़े जाने पर जनता के सामने सिम्पैथी बटोरने की कवायद है। महाराष्ट्र में जब पात्रा चॉल मामले में शिवसेना नेता संजय राउत की जब गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने उसे राजनीति रंग देने की कोशिश की। उसे महाराष्ट्र की अस्मिता से जोड़ दिए। उन्होंने वह सब किया जिससे इस मामले को राजनीति रंग दिया जा सके। उन्होंने गिरफ्तारी से पहले अपनी मां से मिले जहां उनकी आरती की गई। यह सब एक माहौल तैयार करने की कोशिश थी। इसी तरह कांग्रेस भी भ्रष्टाचार पर दोगली बात करती है। जब नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी से पूछताछ की जा रही थी तो उसके नेता इस पूछताछ का विरोध कर रहे थे। देश में एक भ्रष्टाचार को राजनितिक रूप देने की कोशिश हो रही है।
बहरहाल, इस मामले में अब तक सीबीआई ने 21 ठिकानों पर छापेमारी की। इतना ही नहीं इस संबंध में सरकारी अधिकारियों के घर की भी तलाशी ली गई। सिसोदिया के घर 14 घंटे सीबीआई छानबीन की।जहां कई दस्तावेज और लैपटॉप ले गई। जबकि इस मामले में सिसोदिया सहित 15 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। खबर यह भी है कि सिसोदिया के करीबी रिश्तेदार से सीबीआई पूछताछ शुरू कर दी है।
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