प्रशांत कारुलकर
भारतीय नौसेना और मोदी सरकार ने सोमालिया के तट पर फंसे 15 भारतीय नाविकों की सुरक्षित वापसी के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सैन्य अधिकारियों के हवाले से बताया कि एक लाइबेरियन-ध्वजांकित जहाज का अपहरण कर लिया गया है, जिसमें कम से कम 15 भारतीय चालक दल के सदस्य सवार हैं। इस खबर के मिलते ही भारतीय युद्धपोत आईएनएस चेन्नई को तुरंत ही अपहृत जहाज की ओर रवाना कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से नज़र रखी है और नौसेना के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय भी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और अपहरणकर्ताओं के साथ बातचीत करने के प्रयास कर रहा है।
भारतीय नौसेना ने भी इस स्थिति से निपटने के लिए एक विशेष कार्यबल का गठन किया है। कार्यबल में नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, खुफिया एजेंसियों के प्रतिनिधि और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। कार्यबल का उद्देश्य अपहरणकर्ताओं से बातचीत करना, परिस्थिति का आकलन करना और नाविकों की सुरक्षित वापसी के लिए आवश्यक रणनीति तैयार करना है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, “सोमालिया के तट पर भारतीय नाविकों के अपहरण की खबर चिंताजनक है। हमारी प्राथमिकता उनकी सुरक्षा और जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है। नौसेना और अन्य एजेंसियां स्थिति से निपटने के लिए मिलकर काम कर रही हैं।”
यह घटना एक बार फिर से इस बात को रेखांकित करती है कि भारतीय सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है। चाहे देश के अंदर हों या विदेश में, सरकार हर भारतीय की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। सोमालिया के तट पर हुए अपहरण की घटना के बाद सरकार और नौसेना का त्वरित कदम उठाना इसी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। मोदी सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए कई सफल अभियान चलाए हैं, और यह उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी सरकार नाविकों को सकुशल वापस लाने में सफल होगी।
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