कोविड-19 के नए स्ट्रेन ने सबको मुसीबत में डाला

कोविड-19 के नए स्ट्रेन ने सबको मुसीबत में डाला

कोरोना के दूसरी लहर की खबरें अब डराने लगी हैं। याद कीजिए, जब पिछले साल यह महामारी शुरू हुई थी तो हम कितने सजग और सतर्क थे। मास्क और शारीरिक दूरी के साथ कोरोना के अनुकूल तमाम व्यवहार अपनी आदतों में शुमार कर चुके थे लेकिन जैसे ही इस साल फरवरी में रोजाना के मामले अपने ऐतिहासिक न्यूनतम स्तर पर आए तो अधिकांश लोगों ने मान लिया कि अब कोरोना गया। ईमानदारी से बोलिएगा, हम सबमें एहतियातों के अनुपालन के स्तर में बहुत कमी आई कि नहीं। रोजमर्रा की जिंदगी सामान्य तौर पर जीने लगे। गलती हमारी या आपकी नहीं है।

मानव स्वभाव ही ऐसा है। लगातार एक साल से अनुशासन में रहते-रहते हम सब ही अकुला चुके थे। जैसे ही मौका मिला, हमने सब कुछ छोड़ दिया। यहीं बड़ी चूक हुई। दरअसल पहली लहर में संक्रमण वाला मूल वायरस था। दूसरी लहर में यह रूप बदल चुका है। इसके नए स्ट्रेन सामने आ चुके हैं। ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के अलावा घरेलू डबल वैरिएंट्स भारत में लोगों को तेजी से बीमार कर रहे हैं। नए रूप मूल वायरस के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और घातक हैं। विडंबना यह है कि मर्ज गंभीर हो चला है और उससे रोकथाम के उपायों में हम उतने ही अगंभीर होते गए।

होना तो यह चाहिए था कि पहली लहर में महामारी को लेकर हम लोगों ने जो शिद्दत दिखाई थी, दूसरी लहर में उसका स्तर कई गुना अधिक होना चाहिए था। लेकिन प्रत्यक्ष रूप से ऐसा दिखता नहीं है। देश में टीकाकरण तेजी से हो रहा है। हम टीका लगाने के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं। इसका फायदा भी दिखेगा। थोड़ा सा वक्त लगेगा। तब तक हमें एहतियात बरतनी ही होगी जिससे नए मामले सामने न आएं। यकीन मानिए, अगर हमारी सरकारें तन-मन और धन से इस महामारी को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तत्पर हैं तो हम सबको भी उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए, ताकि कोरोना को हम हरा सकें।

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