क्या आप की रणनीति विधानसभा में अलग, लोकसभा चुनाव में अलग       

क्या आप की रणनीति विधानसभा में अलग, लोकसभा चुनाव में अलग       

Congress strongest party in Gujarat and AAP only in advertisements - Rahul Gandhi

जुम्मा जुम्मा विपक्ष की बैठक को सप्ताह भर भी नहीं बीते,की आम आदमी पार्टी ने वादाखिलाफी कर दी। जी हां, शनिवार को आम आदमी पार्टी यानी की आप ने मध्य प्रदेश के खंडवा में “बदलाव यात्रा” की शुरुआत की। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाला विधानसभा चुनाव त्रिकोणी होगा? क्या आप कांग्रेस को गच्चा देने वाली है? क्या अरविंद केजरीवाल अपने पुराने प्लान पर लौट रहे हैं।

 दरअसल, आप ने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरी राजनीति पार्टी बनकर एंट्री करने वाली है। जिसकी वजह से कांग्रेस का बना बनाया खेल बिगड़ने वाला है , हालांकि, आगे चलकर कांग्रेस और आप क्या रणनीति बनाते हैं? यह देखना होगा ,क्योंकि दोनों दल बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में एकजुट होने की कसम खा रहे हैं।

विधानसभा के चुनाव में क्या करेंगे यह अभी देखना शेष है। 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में आप भी शामिल हुई थी। बैठक से पहले आप ने कांग्रेस के सामने शर्त रखी थी कि अगर कांग्रेस केंद्र के अध्यादेश पर उसके विरोध का समर्थन नहीं करती है तो वह विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होगी। हालात को समझते हुए कांग्रेस ने अध्यादेश का समर्थन करने का ऐलान किया था।

अब सवाल यह है कि क्या जिस फॉर्मूले पर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरना चाहता है क्या वह प्लान विधानसभा चुनावों में भी लागू किये जाएंगे या केवल लोकसभा चुनाव के लिए ही हैं, या कोई दूसरी रणनीति बन रही है। दरअसल विपक्ष बीजेपी के खिलाफ सिर्फ एक सीट एक उम्मीदवार उतारने का प्लान बनाया है। वहीं, बताया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश के अलावा, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी अपने संगठन को मजबूत करने में जुटी है। हालांकि, मध्य प्रदेश को छोड़ दें तो छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। ऐसे में इन दोनों राज्यों में आप कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है।

वर्तमान में कांग्रेस मध्य प्रदेश में एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी पूरी तरह से सक्रिय हैं। दो दिन पहले उन्होंने ग्वालियर में सिंधिया परिवार के गढ़ में रैली को सम्बोधित किया था। इससे पहले बीते माह में उन्होंने जबलपुर में एक रैली में शामिल हुई थीं। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कांग्रेस जिस तरह से मध्य प्रदेश पर फोकस किये हुए है उसी प्रकार आप भी राज्य में मजबूती के साथ उतरने की तैयारी में है। विपक्ष ऐसे में क्या रणनीति बना रहा है। इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश में आप की एंट्री से कांग्रेस को सीधा असर होने वाला है। क्योंकि अभी तक आप ने जिस भी राज्यों में अपना पैर जमाया है। उन सभी में कांग्रेस मजबूती के साथ खड़ी थी। और अब उन राज्यों में कांग्रेस के पैर उखड़ते हुए नजर आ रहे हैं। आप ने पहले दिल्ली में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल किया। उसके बाद पंजाब में भी कांग्रेस से सत्ता छीन ली। गोवा, गुजरात, हरियाणा जैसे राज्यों में भी आप ने कांग्रेस के वोटों में सेंधमारी की है और अपना मजबूत तंत्र स्थापित किया है। एक तरह से कहा जा सकता है कि सूबे में आप की एंट्री से बीजेपी को कोई ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने वाला, लेकिन कांग्रेस को इसका बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।

बता दें कि कुछ समय पहले आप ने ऐलान किया था कि अगर कांग्रेस दिल्ली और पंजाब में चुनाव नहीं लड़ेगी तो वह कांग्रेस शासित राज्यों में चुनाव नहीं लड़ेगी। हालांकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है, लेकिन कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में है ,जबकि यहां बीजेपी की सरकार टूटफूट की वजह से बनी है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्या सिंधिया अपने गुट के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे. जिसकी वजह से कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और राज्य में बीजेपी की सरकार बनी थी। इस तरह देखा जाए तो आप यह कह सकती है कि पार्टी बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल रही है। कांग्रेस के खिलाफ नहीं है, लेकिन आप वोट कांग्रेस का ही काटेगी।

अगर कांग्रेस आप के साथ सीट शेयर करती है तो भी उसे नुकसान ही होगा। मगर राज्य इकाइयां इसके पक्ष में नहीं हैं।  इस बार कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता हासिल करने के लिए जोर आजमाइश कर रही है और गांधी परिवार का उतरना, इस बात का संकेत है कि कांग्रेस इस बार राहुल गांधी के बजाय प्रियंका गांधी को आगे कर चुनाव लड़ना चाहती है. हालांकि, इसका कितना प्रभाव पड़ेगा यह देखना होगा। प्रियंका गांधी जिस तरह से मध्य प्रदेश का दौरा कर रही हैं और हिन्दू देवी देवताओं के मंदिर का चौखट लांघ रही है। इसे साफ है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में सत्ता वापसी के लिए छटपटा रही है। हाल ही उन्होंने ग्वालियर में रैली की थी।

प्रियंका गांधी ने सिंधिया परिवार के गढ़ में जिस तरह से रैली की, उसको देखते हुए कहा जा रहा है कि कांग्रेस मध्य प्रदेश को गंभीरता से ले रही है। बहरहाल, अब देखना होगा कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आप को कैसे मात देती है, क्या उसके साथ समझौता करेगी या मध्य प्रदेश का चुनाव त्रिकोणी होगा? ऐसे में किसको फायदा होगा, किसको नुकसान होगा, यह देखना होगा।

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