Modi 3.0: देश के इतिहास में पहली बार होगी ये घटना; सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच असहमति का नतीजा!

इस सत्र में आजाद भारत के इतिहास में पहली घटना देखने को मिलेगी|ये घटनाक्रम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच असहमति के परिणामस्वरूप होता दिख रहा है।

Modi 3.0: देश के इतिहास में पहली बार होगी ये घटना; सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच असहमति का नतीजा!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू हो गया है|4 जून को नतीजे घोषित होने के कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 71 सांसदों ने शपथ ली|अब संसद के मॉनसून सत्र के पहले चरण में सभी नवनिर्वाचित सांसद शपथ ले रहे हैं|एक ओर जहां देशभर में सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है, वहीं अब यह तय हो गया है कि इस सत्र में आजाद भारत के इतिहास में पहली घटना देखने को मिलेगी|ये घटनाक्रम मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच असहमति के परिणामस्वरूप होता दिख रहा है।

​​दिल्ली में वास्तव में क्या हो रहा है?: राजधानी दिल्ली में मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला सम्मेलन चल रहा है। एक तरफ सांसदों का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है तो दूसरी तरफ लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर बड़ी चर्चा है​|​ साफ हो गया है कि ​भाजपा​ के नेतृत्व वाले एनडीए में पूर्व अध्यक्ष ओम बिरला के नाम पर सहमति बन गई है​|​ हालांकि, ओम बिरला के नाम पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई​|​ ‘इंडिया’ अघाड़ी ने लोकसभा उपाध्यक्ष पद पर दावा ठोका​|​

​​चूंकि सत्तारूढ़ दल ने ​उपाध्यक्ष​ पद की मांग स्वीकार नहीं की, इसलिए ​’इंडिया’ अघाड़ी के नेताओं ने आखिरकार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ही उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया। इसके ​अनुसार​ केरल से कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को ​उपाध्यक्ष​ पद के लिए नामित किया गया है। इस पृष्ठभूमि में संसद के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव ​अब सत्ता और विपक्ष दोनों के लिए ​एक बड़ा दंगल बन गया है​|​

​पहली बार होगा राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव!: स्वतंत्र भारत के अब तक के इतिहास को देखते हुए यह लगभग तय है कि इस बार लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए पहली बार चुनाव होगा। अभी तक लोकसभा अध्यक्ष पद पर किसी व्यक्ति का नाम सत्ताधारी दलों की सहमति से तय होता था और उस सांसद को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती थी। हुक्मरानों के इस फैसले पर विपक्ष भी सहमत था| हालांकि इस साल विपक्ष की उपाध्यक्ष पद की मांग नहीं माने जाने पर अब संसद के बाहर चुनाव के बाद संसद के भीतर चुनाव की चर्चा शुरू हो गई है|

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं से इस पर चर्चा की| तब वरिष्ठ कांग्रेस नेता के.सी.वेणुगोपाल और वरिष्ठ द्रमुक नेता टी.आर.बालू ने राजनाथ सिंह से मुलाकात की|इस मौके पर अमित शाह, जे.पी. नड्डा, पीयूष गोयल और लल्लन सिंह भी मौजूद थे|

वास्तव में क्या चर्चा हुई?: पीयूष गोयल ने मीडिया को बताया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वास्तव में क्या चर्चा हुई। राजनाथ सिंह आज सुबह मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलना चाहते थे। लेकिन वे कहेंगे कि वेणुगोपाल राव उनसे बात करेंगे,लेकिन जब वेणुगोपाल राव और टी. आर.बालू से बात की तो वह उसी पुरानी मानसिकता में नजर आए| पीयूष गोयल ने कहा कि पहले उपाध्यक्ष का चयन होना चाहिए, उसके बाद ही हम अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे|

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