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Friday, September 20, 2024
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BMC: एजेंडा सेट कर गए पीएम मोदी!

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पीएम मोदी गुरुवार को मुंबईकरों को कई सौगातों से नवाजा। इसकी राजनीतिक गलियारे में  खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि जब पीएम मोदी जून में पुणे का दौरा किया था, उसके 15 दिन बाद महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी और शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार आ गई थी। अब पीएम मोदी ने आठ महीने बाद मुंबई का दौरा किया तो क्या होगा ? क्या बीएमसी से भी ठाकरे गुट को झटका लगेगा, ऐसा सवाल पूछा जा रहा है। पीएम मोदी के मुंबई दौरे को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही थीं, जिसमें कहा जा रहा था कि उनका दौरा बीएमसी चुनाव को लेकर था। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

दरअसल, पीएम मोदी के मुंबई दौरे से महाविकास अघाड़ी के दल संकित नजर आ रहे हैं। जिसमें उद्धव ठाकरे की शिवसेना सबसे ज़्यादा परेशान हैं। पार्टी को शक है कि शिंदे गुट और बीजेपी ने यह प्लानिंग बीएमसी चुनाव को लेकर किये थे। इस बातों को सोच सोच कर ठाकरे गुट बेचैन है। 25 साल से बीएमसी पर राज करने वाली शिवसेना का डर वाजिब भी लग रहा है। क्योंकि, कुछ दिन पहले ही शिंदे गुट ने ठाकरे गुट के कार्यालय पर कब्जा कर लिया था। जिसके बाद दोनों दल आमने सामने आ गए थे।

इतना ही नहीं, दोनों गुट में मारपीट की नौबत आ गई थी। जिसके बाद बीएमसी में स्थापित सभी दलों के कार्यालय को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था। जिसको लेकर खूब हो हल्ला मचा था। एक तरह से ठाकरे गुट के लिए यह चुनौती है। तो आने वाले समय में शिंदे गुट और बीजेपी का बीएमसी पर कब्जा हो जाए तो कोई नई बात नहीं होगी। लेकिन, ऐसे में कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ठाकरे गुट से बीएमसी छीन जाएगी। क्या ठाकरे गुट इतनी आसानी से हार मान जाएगा। तमाम ऐसे सवाल हैं,जिसका आने वाले समय में जवाब मिलेगा। बता दें कि मुंबई महानगरपालिका दुनिया की सबसे अमीर नगरपालिका है।

बीजेपी की भी बीएमसी पर लंबे समय से नजर है, लेकिन 2019 से पहले शिवसेना के साथ रहने के कारण पार्टी ने कभी भी जोर आजमाइश नहीं की। मगर इस बार माना जा रहा है कि बीजेपी शिंदे गुट के साथ मिलकर बीएमसी पर कब्जा जमाना चाहती है। हालांकि, इसके लिए बीजेपी को कई तरह के पापड बेलने पड़ेंगे। क्योंकि, शिवसेना से चालीस विधायकों के अलग होने से ठाकरे गुट के प्रति लोगों में भावनात्मक लगाव भी है। जिसको तोड़ना शिंदे गुट और बीजेपी के लिए एक तरह से चुनौती है। जानकारों का कहना है कि भले ठाकरे गुट सत्ता में न हो, लेकिन उसके प्रति लोगों में भावनात्मक लगाव अभी भी है। हालांकि, वर्तमान सरकार विकास के जरिये इस खाई को पाटने की कोशिश कर रही है। देखना होगा कि दोनों दलों को कितनी कामयाबी मिलती है।

वर्तमान में कोरोना काल में हुए घोटाले को भी लेकर ठाकरे गुट और बीएमसी कमिश्नर सवालों के घेरे में हैं। हाल ही में ईडी ने बीएमसी कमिश्नर इकबाल चहल को समन भेजा था। जिसमें  कोरोना काल में कोविड सेंटर बनाने और सामान खरीदी में घपला का आरोप लगाया गया था।  आरोप में यह भी कहा गया था कि कोरोना सेंटर और सामान खरीदी के लिए जिस कंपनी को अनुबंधित किया गया था ,उसके पास मेडिकल का कोई अनुभव नहीं था। बावजूद इसके इस कंपनी को मेडिकल से जुड़ी सेवा देने का ठेका दिया गया था। चहल ईडी के सामने उपस्थित भी हुए थे।

माना जा रहा है कि आने वाले समय में कोरोना घोटाले की जांच की आंच ठाकरे परिवार तक पहुंच सकती है। इससे पहले शिवसेना की नेता और बीएमसी की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर पर भी अवैध तरह से फ़्लैट कब्जाने का आरोप लग चुका है। इन आरोपों से ठाकरे परिवार की छवि धूमिल हुई है। जनता अच्छी तरह जानती है कि बिना आग के कहीं धुंआ नहीं उठता है। यानी कहा जा सकता है कि आगामी चुनावों में इन आरोपों का असर देखा जा सकता है। इसके अलावा भी ठाकरे परिवार पर कई संगीन आरोप लग चुके हैं।

बहरहाल, पीएम मोदी शिंदे गुट और बीजेपी की सरकार बनने के बाद पहली बार मुंबई आये थे।  इससे पहले पुणे के देहू में 14 जून 2022 को संत तुकाराम महाराज के शिला मंदिर का लोकार्पण करने आये थे। उस समय भी पीएम मोदी के दौरे को लेकर खूब राजनीति हुई थी। टोपी से लेकर भाषण तक पर बवाल हुआ था। इस कार्यक्रम में तब के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भाषण देने का मौक़ा नहीं मिला था। जिस पर एनसीपी के कई नेताओं ने आपत्ति जताई थी। हालांकि, इस बात का अभी तक खुलासा नहीं हो पाया कि आखिर अजित पवार ने उस कार्यक्रम में भाषण क्यों नहीं दे पाए थे।

इसके ठीक 15 दिन बाद ठाकरे सरकार गिर गई थी और एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ जाकर मुख्यमंत्री बन गए थे। ऐसे में लोगों में चर्चा है कि क्या इस बार भी ऐसा होगा ? क्या बीएमसी  शिवसेना के छाया से दूर हो जाएगी ? यह जगजाहिर है कि बीजेपी के ही बदौलत शिंदे सरकार बनी है। इस बात का खुलासा खुद सीएम एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र विधानसभा में कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि बीजेपी के समर्थन से ही यह सरकार बनी है। जब शिवसेना के विधायक महाराष्ट्र से निकले थे तो गुवाहाटी में डेरा डाला था। जहां सभी विधायक एक होटल में रुके हुए थे। अब जब पीएम मोदी मुंबई दौरे पर आये तो इस बात की चर्चा ने जोर पकड़ ली है कि क्या बीएमसी में सत्ता परिवर्तन होगा ? जिस पर शिवसेना 25 सालों से कब्जा जमाये हुए है।

इस बात संदेश पीएम मोदी भी दे गए। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि जब शिंदे और बीजेपी की सरकार नहीं थी तो हर काम में अड़ंगा डाला गया।जिससे जनता का बहुत नुकसान हुआ। अब राज्य में डबल इंजन की सरकार है तो ऐसा नहीं होगा।राज्य और मुंबई का तेजी के साथ विकास होगा। पीएम मोदी का यह भाषण इस बात का सबूत है कि उन्होंने  जनता के दिलों  अपनी बात पहुंचा चुके हैं। अब गेंद जनता के पाले में है,जनता किसे चुनती है। यह तो बीएमसी चुनाव के बाद ही पता चलेगा।

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