राहुल गांधी का कश्मीर में ‘राजनीतिक टूर’

राहुल गांधी इस साल विदेश जाने के बजाय कश्मीर में राजनीतिक अवकाश बिता रहे हैं।

राहुल गांधी का कश्मीर में ‘राजनीतिक टूर’

"Bharat India" Yatra: Imitating Modi, Rahul said - 'Brothers and sisters...'

कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने एक-दूसरे पर स्नोबॉल फेंकने का आनंद लिया। उसके बाद राहुल गांधी दो दिन के निजी दौरे पर कश्मीर गए। उन्होंने उत्तरी कश्मीर के गुलमर्ग में स्कीइंग का आनंद लिया। राहुल गांधी ने गुलमर्ग में गोंडोला केबल कार की सवारी की। वहां घूमने आए कई पर्यटकों के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। राहुल गांधी कश्मीर के गुलमर्ग में छुट्टियां मना रहे हैं। राहुल गांधी इस साल विदेश जाने के बजाय कश्मीर में राजनीतिक अवकाश बिता रहे हैं। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस के दौर में राहुल गांधी के परिवार से कभी भी कश्मीर में घूमने और छुट्टियां मनाने की आजादी नहीं छीनी गई, आम लोगों की तो बात ही छोड़िए। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक फैसले के कारण ही संभव हो पाया है। यानी धारा 370 को हटाने के बाद।

कश्मीर में एक समय था जब तिरंगा फहराना तो दूर चलना भी मुश्किल हो गया था। मुरली मनोहर जोशी ने एकता यात्रा निकाली। यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक की थी। आजाद भारत के इतिहास में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया गया। इस यात्रा का संचालन नरेंद्र मोदी ने किया। मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद धारा 370 को हटा दिया। जिस धारा 370 को हटाना नामुमकिन बताया जाता था, उसे मोदी ने एक झटके में हटा दिया। कश्मीर खुलकर सांस लेने लगा। मोदी के उस एक फैसले से ही आज कश्मीर में शांति है। आज कश्मीर में सिनेमा हॉल खचाखच भरे हुए हैं, कश्मीर में स्कूल ठीक से चल रहे हैं, पर्यटक लाल चौक पर बेरोकटोक घूमते नजर आ रहे हैं,  जहां पर्यटक चलने की हिम्मत तक नहीं करते थे। जब तक कांग्रेस सत्ता में थी, उसने फारूक अब्दुल्ला और उनके परिवार को कश्मीर दिया था। जबकि फारूक अब्दुल्ला हमेशा भारत को लेकर विवादित रहे है। फारूक अब्दुल जैसे भारत विरोधी प्रवृत्ति के लोगों के कारण ही कश्मीर पर आतंकवादियों का कब्जा हुआ था।

राहुल गांधी ने बयान दिया था कि न तो धारा 370 को खत्म करने से और न ही नोटबंदी से आतंकवाद कम हुआ है। ट्वीट किया गया कि यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। अनुच्छेद को हटाने के बाद, एक विदेशी राजनीतिक प्रतिनिधिमंडल ने कश्मीर का दौरा किया। कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया। कांग्रेस भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को खराब करने की कोशिश कर रही थी जिसे मोदी सरकार सुधार रही थी। एक तरफ विरोध करने के लिए और दूसरी तरफ राहुल गांधी खुद कश्मीर में पिकनिक का लुत्फ उठाते हैं। इससे पहले ऐसी कोई तस्वीर सामने नहीं आई थी। एक तरफ राहुल गांधी अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद कश्मीर में छुट्टी का लुत्फ उठा रहे हैं और दूसरी तरफ बयान देते है कि अगर हम सत्ता में आए तो फिर से धारा 370 लागू करेंगे। एक प्रसिद्ध मुहावरा है एक मुहँ दो बात जो राहुल गाँधी पर सटीक बैठता है।

बता दें कि फारूक अब्दुल्ला ने ही ऐलान किया था कि कश्मीर में तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं बचेगा, लेकिन वही राहुल गाँधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे। जब मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म करने पर चर्चा कर रही थी, तब पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने धमकी दी थी कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद देखते हैं कौन झंडा फहराता है। लेकिन देखिए आज समय का चक्र ऐसा चला कि धारा 370 हटा दी गई और 26 जनवरी 2023 को जब राहुल गाँधी ने कश्मीर में झंडा फहराया और राष्ट्रगान गाया उस समय वहाँ फारुख अब्दुल्ला और महबूब मुफ्ती भी मौजूद थे।

धारा 370 का विरोध करने वाले फारूक, कलाम का विरोध करने वाली महबूबा। बावजूद इसके आज कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, चाहे वह बम विस्फोट हो या आतंकवादी हमले, सारा दोष आतंकवादियों के बजाय नरेंद्र मोदी पर मढ़ा जाने लगा। कश्मीर में हिन्दू मारे जा रहे थे, कश्मीर में पहले से कहीं ज्यादा आतंकी हमले हो रहे थे। जहां कश्मीर में आतंकवाद खत्म हुआ, वहां फलां समूह नरेंद्र मोदी को निशाना बना रहे थे। लेकिन राहुल गांधी जो आरोप लगा रहे थे, उसका जवाब खुद राहुल गांधी को देना चाहिए। राहुल गांधी मोदी के खिलाफ अपशब्द बोल रहे हैं कि उन्हें सफलता क्यों नहीं मिल रही है। उसका क्या कारण है? राहुल गांधी आज यात्रा पर निकले। कश्मीर का आनंद लिया। लेकिन अपनी खुशी में वे यह भूल गए होंगे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने की वजह से ही उनकी यह यात्रा संभव हो पाई है।

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