कल यानी बुधवार को गुड़ीपड़वा के अवसर पर दादर के छत्रपती शिवाजी महाराज पार्क में एक रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सीएम को लेकर कहा, कि एकनाथ शिंदे को कुर्सी मिल गई, इसलिए अब उन्हें महाराष्ट्र के लिए काम करना चाहिए। राज ठाकरे ने सीएम को चेताया की वहां रैली न करें जहां उद्धव ठाकरे करते हैं। राज्य में बहुत से मुद्दे हैं- किसानों के मुद्दे, रोजगार के मुद्दे और बहुत कुछ। बावजूद इसके आप केवल रैलियों की बात क्यों कर रहे हैं?”
चुनाव चिन्ह और नाम को लेकर मनसे प्रमुख ने कहा, ”मैंने जब शिवसेना छोड़ी तब एक बात बाहर कही जा रही थी कि राज ठाकरे को शिवसेना प्रमुख का पद चाहिए था, बिल्कुल गलत। मुझे पता था कि शिवसेना प्रमुख पद और शिवसेना का धनुष-बाण केवल बालासाहेब से संभाला जा सकेगा। धनुष-बाण किसी से नहीं संभाला जा सकेगा, उद्धव से भी नहीं और अभी जिनके पास गया है, उनसे भी नहीं।”
राज ठाकरे ने अपने भाषण के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ”सीएम रहते वक्त उद्धव किसी से मिलते नहीं थे, आज सब से मिल रहे है, क्यों? सीएम एकनाथ शिंदे को को सलाह है कि उद्धव ठाकरे के जाल में न अटकें, महाराष्ट्र पर ध्यान दें।” आगे उन्होंने कहा, ”महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि अभी विधानसभा के चुनाव करा लेना चाहिए, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।”
राज ठाकरे की इस रैली के दौरान एक मुद्दा जो काफी चर्चित रहा वह हैं अवैध दरगाह का मुद्दा दरअसल राज ठाकरे रैली के दौरान अरब सागर में माहिम के तट से कुछ मीटर दूर बन रही एक दरगाह का मुद्दा उठाया। राज ठाकरे ने अपने संबोधन में एक क्लिप चलाया और राज्य सरकार, मुंबई पुलिस और निकाय प्रशासन का ध्यान खींचते हुए धमकी तक दे डाली कि अगर इस दरगाह को एक महीने के भीतर नहीं गिराया गया, तो मनसे उसी स्थान पर जाकर गणपति मंदिर बना देगी।
वीडियो में कुछ खंभों के साथ तट के पास एक द्वीप-प्रकार का छोटा भूभाग दिखाया गया है। इस वीडियो में कुछ लोगों को समुद्र की पानी से गुजरते हुए और और प्रार्थना करते हुए देखा जा सकता है। राज ठाकरे ने इसी को ‘दरगाह’ के रूप में दावा किया है। अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा ‘मैं देश के संविधान के पालन करने वाले मुसलमानों से पूछना चाहता हूं, क्या आप इसकी निंदा करते हैं? मैं किसी को झूकाना नहीं चाहता लेकिन जब जरूरत होगी तो मुझे यह करना होगा।’ राज ठाकरे ने कहा कि ‘अवैध दरगाह’ माहिम में मखदूम बाबा की दरगाह के पास है। इन मुद्दों को लेकर राज ठाकरे ने कहा कि एक बार मेरे हाथ में राज्य आया तो सब कुछ सीधा कर दूंगा।
बाद में मनसे के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी एक वीडियो साझा किया गया जिसमें कहा गया था, राज साहब (राज ठाकरे) ने आज एक महत्वपूर्ण बात उठाई..देखिए क्या होता है जब सरकार या प्रशासन नजरअंदाज करता है…यहां समुद्र में माहिम के मकदूम बाबा की दरगाह के पास अवैध निर्माण किया जा रहा है। दो साल पहले यहां कुछ भी नहीं था। यहां एक नए हाजी अली तैयार किए जा रहे हैं। यह दिनदहाड़े हो रहा है, फिर भी पुलिस, नगरपालिका को इसकी भनक तक न लगी?
इसके बाद कई सोशल मीडिया यूजर्स ने राज ठाकरे द्वारा दिखाए गए फुटेज को शेयर किया है। वहीं कुछ ने दावा किया कि माहिम की रहस्यमयी दरगाह गूगल मैप्स पर भी उपलब्ध है। वहीं राज ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुंबई पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया था कि इसे देखने के बाद तत्काल कार्रवाई करें, इस अवैध निर्माण को ध्वस्त करें।
हालांकि राज ठाकरे द्वारा दिए गए अल्टिमेटम के बाद समुंदर के किनारे बनाई गई दरगाह को तोड़ दिया गया है। अवैध दरगाह को हटाने का आदेश मुंबई के रेजिडेंट कलेक्टर ने दिया। आज सुबह 8 बजे कलेक्टर और डीसीपी समेत 6 अधिकारी मौके पर पहुंच गए। पुलिस की भारी मौजूदगी के बीच बुलडोजर से दरगाह हटाई गई। इसके बाद BMC मलबे को ट्रकों में भरकर ले गई है। इसपर मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि हम बालासाहेब ठाकरे के विजन पर विश्वास करते हैं। पहले बालासाहेब ऐसे मुद्दों को उठाया करते थे, अब राज ठाकरे उठा रहे हैं। राज ठाकरे की वजह से हमें पता चला कि कोस्टल रेगुलेशन जोन यानी CRZ का उल्लंघन हो रहा है, इसलिए हमने एक्शन लिया।
कोस्टल रेगुलेशन जोन एक्ट जिसे हिन्दी में तटीय विनियमन क्षेत्र नियम कहा जाता है इसे समझने का प्रयास करते है, भारत के 7,500 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र के साथ लगे क्षेत्र हैं। आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार, हाई टाइड लाइन (एचटीएल) से 500 मीटर तक की तटीय जमीन और दरारों, खाड़ियों, बैकवाटर और नदियों के किनारे 100 मीटर के स्टेज को ज्वारीय उतार-चढ़ाव के अधीन कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन कहा जाता है। भारत सरकार द्वारा इन क्षेत्रों में इमारत, टूरिज्म की मूलभूत सुविधाओं और अन्य सुविधाओं के डेवलपमेंट को रेगुलेटेड/ विनियमित किया जाता है।
कोस्टल रेगुलेशन ज़ोन (सीआरजेड) नियम समुद्र के निकट नाजुक ईकोसिस्टम/पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए, समुद्र तट के करीब मानव और इंडस्ट्रियल गतिविधि को नियंत्रित करते हैं। इसमें समुद्र तट से एक निश्चित दूरी के भीतर कुछ प्रकार की गतिविधियों – जैसे बड़े कंस्ट्रक्शन, नयी इंडस्ट्रियोंकी स्थापना, खतरनाक मैटेरियल का स्टोरेज या निकालना, खनन, सुधार और बांध बनाना शामिल है।
वहीं रैली के दौरान राज ठाकरे ने मस्जिदों से लाउडस्पीकर बंद करवाने के लिए सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार से मांग है कि आप लोगों को बताओ कि मस्जिद से लाउडस्पीकर बंद करे, नहीं तो हम बंद करवा देंगे, उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि या तो सरकार हटाए या फिर हमारी तरफ ध्यान न दे, इतनी विनती है।”
बता दें कि पिछले साल मस्जिदों में लाउडस्पीकर का मुद्दा खूब गरमाया था। इस मुददें को महाराष्ट्र से हवा मिली थी। दरअसल पिछले साल अप्रैल महीने में राज ठाकरे ने गुड़ी पड़वा के अवसर पर जनता को संबोधित करते हुए लाडस्पीकर को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। राज ठाकरे ने तीन मई से पहले मस्जिदों के ऊपर से लाउडस्पीकर की मांग की थी। साथ ही शिवसेना की अगुआई वाली महा विकास आघाड़ी सरकार को चेतावनी दे डाली थे, उन्होंने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के बाहर और ऊंचे स्वर में हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। धीरे-धीरे दूसरे राज्यों में भी यह आग पहुंच गई थी। यूपी, गोवा, कर्नाटक, बिहार सहित कई राज्यों में हिंदू संगठनों ने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद करने के लिए कहा गया था। मनसे प्रमुख इस चेतावनी के बाद लाउडस्पीकर विवाद ने मजहबी रंग ले लिया। दूसरे राज्यों में भी लाउडस्पीकरों को उतारने की मांग की जाने लगी। मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग को लेकर राज ठाकरे ने इसी मुद्दे पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ की थी।
वहीं रैली में सम्बोधन के दौरान राज ठाकरे ने जावेद अख्तर की बाइट भी स्टेज पर चलाई। उन्होंने कहा कि जावेद अख्तर जैसा मुसलमान चाहिए, जो पाकिस्तान में जाकर उनको आइना दिखा सके। दरअसल जावेद अख्तर ने पाकिस्तान में हुए फैज फेस्टिवल में आतंकवाद की निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि 26/11 मुंबई हमले को अंजाम देने वाले लोग आपके मुल्क में अभी भी घूम रहे हैं। ये शिकायत अगर हर हिंदुस्तानी के दिल में है तो, आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब राज ठाकरे ने इस तरह का बयान दिया हो, इससे पहले दिए गए उनके कुछ बयान के बारे में आज आपको बताते है। जो काफी सुर्खियो में रहे। मनसे प्रमुख राज ठाकरे हमेशा ही गैर मराठियों पर हमला करते आए हैं। मनसे प्रमुख ने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा था कि जो भी नए ऑटो रिक्शा गैर मराठी चला रहे है उनके ऑटो में आग लगा दो।
राज ठाकरे ने एक बार असुद्दीन ओवैसी को खुला चैलेंज दिया था कि, वो एक बार महाराष्ट्र में आ जाएं तो उनके गले पर चाकू रख दूंगा। ठाकरे ने यह बयान इसलिए दिया था क्योंकि ओवैसी ने कहा था कि कोई उनकी गर्दन पर चाकू रखकर भारत माता की जय बुलवाएगा वो तभी नहीं बोलेंगे।
वहीं आतंकवादी याकूब मेनन की फांसी को लेकर सलमान द्वारा किए गए एक ट्वीट पर राज ठाकरे ने काफी विवादित कमेंट किया था। दरअसल सलमान ने ट्वीट याकूब के फेवर में किया था। इससे गुस्साए राज ठाकरे ने सलमान को बिना दिमाग का आदमी कह डाला था।
वहीं साल 2008 में राज ने मुंबई में सभी दुकानदारों से साइन बोर्ड को मराठी में लिखने की बात कही थी। इसके साथ ही उन्होंने यह चेतावनी दी थी कि जिसकी दुकान में मराठी में लिखा नहीं दिखेगा उसकी दुकान तोड़ दी जाएगी। वहीं 2010 में राज ठाकरे ने एक प्रोग्राम में कहा था कि, मुंबई में बढ़ती भीड़ की वजह गैर-मराठी लोग हैं।
यह सब और अब के दिए गए बयानों के आधार पर राज ठाकरे पुनः राजनीति में प्रवेश करना चाहते है। वह जनता के बीच जाना चाहते है। राज ठाकरे को उम्मीद है कि जो काम अल्टीमेटम की वजह से नहीं बन पाया, जनता के समर्थन से उसे सफल बनाया जा सकता है। वहीं कई बार उनके हालिया बदलाव को उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी MNS और बीजेपी के बीच बढ़ती नजदीकियों के रूप में देखा गया है। हालांकि राज ठाकरे का यह हिंदुत्व एजेंडा अचानक नहीं, बल्कि सोच-समझकर उठाया गया कदम है और ये मनसे के राजनीतिक विस्तार का हिस्सा है।
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