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Sunday, November 24, 2024
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मिट्टी में मिला असद, अब किसकी बारी?

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ट्विटर पर #YogiKaNayaUP टॉप ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही प्रयागराज में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके गनर की हत्या के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सदन में दिया गया वो बयान भी वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में कहा था- ‘माफियायों को मिट्टी में मिला दूंगा।’

उमेश पाल हत्याकांड में जहां एक तरफ अतीक अहमद और अशरफ को आज कोर्ट में पेश किया गया तो वहीं दूसरी तरफ यूपी पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई। दरअसल गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने एनकाउंटर में मार गिराया है। वो उमेश पाल हत्याकांड में वांटेड थे। डिप्टी एसपी नवेंदु और डिप्टी एसपी विमल के नेतृत्व वाली यूपीएसटीएफ की टीम के साथ हुई मुठभेड़ में उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या करने वाला मकसूदन का पुत्र मोहम्मद गुलाम भी मारा गया है। ये मुठभेड़ झांसी में हुई। दोनों पर पांच लाख रुपये का इनाम था।

असद और मोहम्मद गुलाम आज झांसी में बड़ा गांव और चिरगांव थाना क्षेत्र के बीच परीक्षा डैम के इलाके में छिपे बैठे थे। असद और मोहम्मद गुलाम एक मोटरसाइकिल से जा रहे थे। तभी पुलिस और यूपी एसटीएफ की टीम ने दोनों को रोकने की कोशिश की। इस दौरान असद और मोहम्मद गुलाम ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों ओर से करीब 40 राउंड फायरिंग हुई और दोनों शूटर को मार गिराया गया है। वहीं पुलिस को असद और गुलाम के पास से पिस्टल, रिवाल्वर और विदेशी हथियार बरामद हुए हैं।

वहीं दूसरी तरफ उमेश पाल मर्डर केस में प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट यानी सीजेएम कोर्ट में आरोपी माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। दोनों नैनी जेल में बंद रहेंगे। पेशी के दौरान जब अतीक को असद के एनकाउंटर की खबर मिली तो कोर्ट में ही फूट-फूटकर रोने लगा। कोर्ट में ही मौजूद अतीक का भाई अशरफ यानी असद का चाचा भी बेचैन हो गया। वहीं कोर्ट में ‘योगी आदित्यनाथ जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए।

उमेश पाल हत्याकांड में यूपी STF अब तक 4 शूटर्स का एनकाउंटर कर चुकी है। पहला, प्रयागराज में ही 27 फरवरी को अरबाज का हुआ था। अरबाज उस क्रेटा कार को चला रहा था, जिससे बदमाश उमेश पाल के घर तक पहुंचे थे। इसमें असद भी बैठा था। वहीं, दूसरा एनकाउंटर 6 मार्च को ही प्रयागराज के कौंधियारा में हुआ था। इसमें उमेश पर पहली गोली चलाने वाले विजय चौधरी उर्फ उस्मान को मुठभेड़ में मार गिराया था। शुक्रवार यानी 13 अप्रैल को तीसरा और चौथा एनकाउंटर हुआ। इसमें अतीक का बेटा असद और गुलाम मारे गए। यानी, अब तक इस हत्याकांड में 4 शूटर्स के एनकाउंटर हो चुके हैं। वहीं, 3 शूटर्स अभी फरार हैं। इनमें गुड्‌डू मुस्लिम, शाबिर और अरमान है। साथ ही अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन की तलाश पुलिस कर रही है। इसके अलावा, अतीक के परिवार की मदद करने वाले 3 आरोपियों और करीबियों के घर पर प्रशासन का बुलडोजर भी चल चुका है।

उमेश पाल हत्याकांड में जांच कर रही पुलिस टीम को अहम जानकारी मिली है। बरेली जेल में बंद अशरफ और शूटर मोहम्मद गुलाम नहीं चाहते थे कि माफिया अतीक अहमद का तीसरे नंबर का बेटा असद, उमेश पाल हत्याकांड में शामिल हो, लेकिन अतीक की जिद पर असद को उमेश पाल हत्याकांड में शामिल किया गया और उससे गोली चलवाई गई। वहीं दावा किया गया था कि उमेश पाल की हत्या के बाद पत्नी शाइस्ता ने अतीक़ अहमद को साबरमती जेल में फोन किया था। असद का नाम और फुटेज सामने आने के बाद शाइस्ता ने अतीक़ अहमद से नाराजगी जताई थी। लेकिन शाइस्ता से अतीक ने फोन पर कहा था कि असद शेर का बेटा है, उसने शेरों वाला काम किया है।

वहीं इस एनकाउंटर के बाद यूपी के प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने एसटीएफ को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उमेश पाल के एडवोकेट और पुलिस के जवानों के हत्यारों का यही हश्र होना था।

असद और गुलाम के एनकाउंटर के बाद मृतक उमेश पाल की मां ने शांति देवी ने कहा सीएम योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा था। हमें इंसाफ मिला है। अतीक और अशरफ पाप के भागीदार थे, उन्हें वैसे ही नतीजे मिलने चाहिए। आज जो कुछ भी हुआ उससे हमारी आत्मा को शांति मिली है। ये मेरे बेटे को श्रद्धांजलि है।”

तो वहीं अतीक के बेटे के मारे जाने पर उमेश पाल की पत्नी जयापाल की प्रतिक्रिया भी सामने आई, उन्होंने कहा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैं धन्यवाद देती हूं। मुख्यमंत्री ने अपनी बेटी के सुहाग के कातिलों को सजा दिलाई है। मैंने सब मुख्यमंत्री जी पर छोड़ा है अब मुख्यमंत्री जो करेंगे उचित करेंगे, अच्छा करेंगे।

हाल ही में कुछ दिन पहले सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा था कि अतीक के एक लड़के की हत्या हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा था कि सत्ता बदलने के बाद इस तरह की फ़ाइल खुल रही है। इस तरह की चेतावनी या कहे धमकी रामगोपाल यादव ने योगी सरकार को दी थी। एक समय था जब अतीक सपा में शामिल था ऐसे में कहा ये भी जा सकता है कि सपा की पार्टी गुंडों को संरक्षित देने वाली पार्टी थी जिसे इनकार नहीं किया जा सकता।

तभी तो इस एनकाउंटर से अखिलेश यादव को भी बहुत पीड़ा हो रही है। दरअसल अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को झूठ बताया। उन्होंने कहा बीजेपी एनकाउंटर करके लोगों का ध्यान भटका रही है पर अखिलेश यादव को शायद ये बात नहीं पता कि वो इस तरह की बयानबाजी करके स्पष्ट रूप से अतीक का समर्थन कर रहे है। यहाँ बात चल रही है एक निर्दोष को मौत के घाट उतारनेवाले असद और गुलाम के एनकाउंटर की, इस बयान के साथ आपने ये तो साबित कर दिया कि वास्तव में सपा गुंडों को सुरक्षा प्रदान करनेवाली पार्टी है। यहाँ बात बीजेपी, कॉंग्रेस, सपा, बसपा या अन्य पार्टियों की नहीं है। यहाँ बात इंसाफ की है जो योगी सरकार के अधीन यूपी में देखने मिल रही है। इसलिए कहना जरूरी है कि यूपी में चलेगा तो सिर्फ बाबागिरी, ना की गुंडागर्दी।

वहीं एनकाउंटर करने के बाद लखनऊ में यूपी पुलिस ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। प्रेस-कॉन्फ्रेंस में यूपी एसटीएफ एडीजी प्रशांत कुमार थे। उन्होंने असद एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई है। प्रशांत कुमार ने कहा कि दोपहर 12:30 से लेकर 1:00 के बीच एनकाउंटर हुआ है। दोनों को गोलियां चलाते सभी ने देखा। इसके बाद ही दोनों का एनकाउंटर किया गया। एडीजी ने साफ तौर पर कहा कि माफिया के खिलाफ सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है।

उत्तर प्रदेश के एडीजी ने जानकारी दी कि आरोपी अतीक और अशरफ को जब उमेश पाल हत्याकांड के आरोप में यूपी कोर्ट लाया जा रहा था तब आशंका जताई गई कि पुलिस के काफिले पर हमला हो सकता है। इनपुट में कहा गया था कि झांसी में अतीक अहमद के कुछ करीबी काफिले में शामिल होने की कोशिश कर सकते हैं। इस सूचना के मद्देनजर सिविल पुलिस और विशेष बलों की टीमों को तैनात किया गया। स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने मारे गए असद और मोहम्मद गुलाम को लेकर भी कह दिया है की झांसी में अतीक अहमद को छुड़ाने की प्लानिंग रची जा रहा था।

इस एनकाउंटर ने अपराध करनेवालों को चेतावनी दे दी है कि योगी राज में गुंडों की अब खैर नहीं। वहीं दहशत फैलाने वालों को भी साफ कह दिया है कि हिंसा करने वालों की खैर नहीं है। जबकि योगी के पुलिस का अपराधियों के लिए संदेश साफ है कि ‘कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। यूपी में आज से छह साल पहले गुंडे और माफिया खुलेआम कारोबारियों को धमकाते थे और उनका अपहरण कर लेते थे, लेकिन आज माफिया खामोश हैं। यूपी में त्योहारों के अवसर पर अब बमवर्षा नहीं बल्कि पुष्पवर्षा होती है। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता आज विकास, निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने वाली डबल इंजन सरकार में विश्वास करती है।

पहले यूपी की दिशा और दशा काफी अलग थी। तब यूपी में बाहुबलियों का राज चलता था। गुंडे दूसरों के घर-जमीन पर कब्जा कर लेते थे। कब कहां दंगा और आगजनी हो जाए, कोई नहीं कह सकता था। शाम होते ही सड़कों पर अपराधियों का कब्जा हो जाता था। लोग डर के मारे घर से बाहर नहीं निकलते थे। लेकिन योगी जी की सरकार ने स्थिति को सुधारने के लिए बहुत मेहनत किया है। आज माफिया की गैरकानूनी इमारतों पर बुलडोजर चलता है” सत्ता संभालते ही योगी सरकार ने प्रदेश से अपराधियों के सफाई का कार्य शुरू किया था। आज योगी के इकबाल ने संगठित अपराध को जड़ से खत्म कर दिया है। माफिया डॉन डरे सहमे बैठे हैं। खुद को बख्श देने की गुहार लगा रहे हैं। उनका डरा हुआ चेहरा उनकी अराजकता झेल चुके लोगों को सुकून दे रहा है।

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Asad Encounter: वो 48 घंटे जो असद और गुलाम के लिए बने काल  

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