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Saturday, November 23, 2024
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‘नंगे’ से आयोग भी डरता है

उर्फी जावेद और बीजेपी नेता चित्रा वाघ के बीच शुरू हुई यह जंग महिला आयोग तक पहुंच गई।

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अभिनेत्री उर्फी जावेद और बीजेपी लीडर चित्रा वाघ के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। उर्फी जावेद के बोल्ड लुक्स की वजह से चित्रा वाघ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। चित्रा वाघ ने शिकायत पत्र की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि मुंबई की सड़कों पर, सार्वजनिक जगहों पर घिनौने और गंदे तरीके से अंग प्रदर्शन करते हुए घूम रही उर्फी जावेद के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करें। इस मांग को लेकर चित्रा वाघ ने मुंबई पुलिस कमिश्नर और मुंबई के संयुक्त आयुक्त कानून व्यवस्था मुंबई पुलिस से भी मुलाकात की थी। हालांकि पुलिस ने अब तक इस मुद्दे से अपनी दूरी ही बना रखी है। वहीं उर्फी जावेद और बीजेपी नेता चित्रा वाघ के बीच शुरू हुई यह जंग महिला आयोग तक पहुंच गई। हालांकि उर्फी जावेद के खिलाफ बीजेपी महिला मोर्चा द्वारा महिला आयोग में शिकायत दर्ज करने के बाद भी कार्रवाई ना होने की वजह से चित्रा वाघ ने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग पर भी सवाल उठाया।

जिसके बाद महिला आयोग की चेयरमैन रूपाली चाकणकर ने महिला आयोग के ऊपर चित्रा वाघ द्वारा की गई टिप्पणी पर उन्हें नोटिस भेजा है और इस पर जवाब मांगा है। सोचनेवाली बात है कि महिला आयोग ने अनुराधा वेब सीरीज पोस्टर पर तेजस्विनी पंडित को नोटिस भेजा लेकिन उर्फी पर जानबूझकर नोटिस नहीं भेजा जा रहा है। चित्रा वाघ ने कहा कि जो इस नंगा नाच का समर्थन कर रहे हैं, वो लोग महिला आयोग की कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं रखते हैं। क्या महिला आयोग नग्नता के इस प्रदर्शन को बढ़ावा दे रही है। महिला आयोग की जिम्मेदारी क्या बनती है? उर्फी जावेद का देह प्रदर्शन सही है या गलत इसका जवाब देना महिला आयोग का काम है। इस विवाद पर एक्शन लेना महिला आयोग का काम है। पर वो तो पलटवार करते हुए चित्रा वाघ पर ही निशाना साध रही है।

चित्रा वाघ के के सवालों पर सफाई देते हुए महिला आयोग ने कहा कि उन्होंने ‘अनुराधा’ वेब सीरीज की अभिनेत्री तेजस्विनी पंडित को कोई नोटिस नहीं भेजा है, बल्कि उसके निर्देशक को भेजा है। बात तो एक ही है आप अभिनेत्री को भेजो या निर्देशक को अनुराधा के पोस्टर में एक महिला हाथ में सिगरेट पकड़ी हुई है जहां वह देह प्रदर्शन करते नजर आ रही है इसी बात को ध्यान में रख कर महिला आयोग ने नोटिस भेजा। हालांकि वह सिर्फ एक पोस्टर हैं यहाँ उर्फी जावेद पूरी की पूरी अर्ध नग्न होकर अपना देह प्रदर्शन करती है वह भी सार्वजनिक स्तर पर तो उस पर सवाल क्यों नहीं? सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की नग्नता उचित नहीं जान पड़ती है।

महिला आयोग द्वारा भेजेे गए नोटिस के बाद चित्रा वाघ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उरफी जावेद पर शिकायत करने की पीछे की असली वजह से रूबरू कराया। उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले एक महिला का उन्हें फोन आया जिसने उर्फी जावेद को लेकर शिकायत की और कहा कि उनका विडिओ समाज में नकारात्मक विचारधारा को फैला रहा है। हालांकि चित्रा वाघ ने पहले इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन एक समय ऐसा आया जब रात के 1 बजे उस महिला का कॉल आया तो चित्रा वाघ ने उसके द्वारा भेजे गए विडिओ को देखे जिसमें उरफी जावेद का विडिओ था इसे देख चित्रा वाघ भी अचंभित हो गई और उन्होंने शिकायत दर्ज की। महिला ने चित्रा वाघ से कहा कि उसकी 9 साल की बच्ची पर भी कई अत्याचार हुआ है जिस वजह से वह इस तरह के विडिओ देख कर परेशान है। उस महिला ने कहा कि ऐसे विडिओ समाज में एक गंदी सोच को पैदा करती है। और इस तरह के विडिओ देख कर उस महिला के मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा। हालांकि यह सिर्फ एक महिला की नहीं ज्यादातर महिलाओ की सोच है। जिसे ध्यान में रखना आवश्यक है।

आज का समय बदल गया है लोग फ़ैशन की बात करते है लेकिन ऐसा भी फैशन क्या जो लोगों को सही ना लगे। आज के समय में कई कलाकार है जो अपने कई विडिओ और तस्वीरें शेयर करते है जिससे समाज में गंदगी फैलती है। इन्हीं विडिओ और तस्वीरों की वजह से अपराध को बढ़ावा मिलता है कई लोगों ने इस तरह के विडिओ पर रोक लगाने की मांग भी की है, उनका मानना है कि समाज में महिलाओं के साथ होनेवाले बलात्कार या वेश्यावृत्ति के पीछे यही सबसे बड़ी वजह है। वहीं इससे पहले टिकटॉक स्टार पूजा चव्हाण की मौत के पीछे ठाकरे सरकार में मंत्री संजय राठोड़ का नाम आया था। तब चित्रा वाघ ने ही अकेले संजय राठोड़ के खिलाफ एक मुहिम चलाई थी। इसका अर्थ यह है कि महिलों की समस्या में उन्हें मदद और महिलाओं की गलतियों पर उन्हें सबक सीखाना चित्रा वाघ अच्छी तरह जानती है।

क्या ऐसे मुद्दे पर ध्यान देने के लिए महिला आयोग के पास वक्त नहीं है। महिला आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मुद्दे को लेकर उरफी जावेद और चित्रा वाघ को या उस महिला को भी बुलाए जिसने चित्रा वाघ से शिकायत की है इन सबकी राय जाने। हालांकि महिला आयोग ने उर्फी जावेद को लेकर किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जिससे उरफी को भी बढ़ावा मिल रहा है। चित्रा वाघ बीजेपी की नेता है क्या तो क्या इसी वजह से महिला आयोग शिकायतों को नजर अंदाज कर रही है।

रुपाली चाकणकर ने कहा कि महिलाओं के यौन शोषण, बलात्कार, दहेज के उत्पीड़न, मानव तस्करी जैसे कई मुद्दे महिला आयोग के पास हैं। महिला आयोग इन मुद्दों पर काम कर रहा है। तो क्या उरफी जावेद का मुद्दा गंभीर नहीं लगता आपको। महिलाओं को लेकर दायर किए गए कितने मामलों पर आपने एक्शन लिया है। महिला आयोग की इन नीतियों के चलते इन पर से लोगों का भरोसा उठ जाएगा। रणवीर सिंह जब अर्ध नग्न होकर फोटोशूट करते है उन पर शिकायत दर्ज की जाती है कि यह कहकर कि महिलाओं की भावनाओं को ठेस पहुँचा इसी कारणवस महिला आयोग ने उन पर एक्शन लिया तो उर्फी जावेद भी उसी कड़ी में शामिल है तो उरफी पर कोई एक्शन क्यों नहीं?

देश में महिलाओं को समानता का अधिकार है उन्हें पहनने की पूरी आजादी है लेकिन यह हमारा फर्ज है कि हम अपनी सीमा में रहकर शालीनता के साथ कर्तव्यों का पालन करें। सार्वजनिक स्तर पर मर्यादा बनाना यह प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। हालांकि उर्फी जावेद यहाँ सबक नहीं ले रही है। यह पहला मौका नहीं है जब उर्फी जावेद को लेकर इतना विवाद हो रहा है। पहले भी कई बार उर्फी जावेद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें उनपर सार्वजनिक जगहों पर अश्लीलता पेश करने का आरोप लगाया गया है।

हैरानी की बात यह है कि ठाकरे गुट की नेता सुषमा अंधारे ने इस मुद्दे पर मीडिया में बयान दिया कि बीजेपी नेता चित्रा वाघ नॉन इशू और बुलशिट इशू को इशू बना रही है। सुषमा अंधारे ने कंगना रनौत, अमृता फडणवीस और केतकी चितले के लिबास पर पहले आपत्ति जताई। लेकिन इन तीनों अभिनेत्रियों ने अपनी तस्वीर व्यक्तिगत स्तर पर शेयर की है जो कहीं से भी भद्दी नहीं लगती है। सुषमा अंधारे ने कहा कि उन्हें साड़ी पहनना पसंद है। यह कंफर्टेबल लगती है। सोचनेवाली बात है कि आप साड़ी को सबसे कंफर्टेबल बता रही है और आप समर्थन उर्फी जावेद का कर रही है। यह बात सभी को हास्यास्पद लगती है। हालांकि सुषमा अंधारे ने यहाँ भी जात पात का मुद्दा बीच में लाया था। जो उनकी पुरानी आदत है। और सभी उनकी इस विचारधारा से अच्छी तरह वाकिफ है। लोगों को गुमराह करने की उनकी खुद की नीति हमेशा असफल ही रहती है।

इस वक्त महिला आयोग की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर एनसीपी से है और चित्रा वाघ बीजेपी से। जिस वजह से यह मुद्दा अब एक राजनीतिक ऐंगल बन चुका है। इस बीच ऐसा लगता है कि जैसे उर्फी को इस विवाद में इन दोनों को उलझता देख मजा आ रहा है। दरअसल उर्फी जावेद ने आज फिर काली बिकिनी पहन कर एक बोल्ड वीडियो जारी किया है। सोचनेवाली बात है कि इतना विवाद होने के बाद भी उर्फी अपने हरकतों से बाज नहीं आ रही है। ऐसा लगता है कि महिला आयोग भी पीछे से उर्फी को पूरा सपोर्ट कर रही है जिस वजह से अब चित्रा वाघ ही विवादों में घेरी जा चुकी है। हालांकि चित्रा वाघ ने स्पष्ट तौर से कहा कि उन्हें ‘ऐसे 56 नोटिस आते रहते हैं, एक और नोटिस आ गया है तो क्या हुआ। इन विवादों को लेकर जरूरी है कि महिला आयोग को जल्द से जल्द कोई मजबूत निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि विवादों को बढ़ाने से किसी को कोई फायदा नहीं, जरूरी है कि इन मुद्दों पर सुझाव निकाल कर उचित निर्णय लिया जाएं।

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