1993 मुंबई ब्लास्ट मामले के आरोपी अबू सलेम को अपनी जान का डर सता रहा है| उन्होंने आशंका जताई है कि तलोजा जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करने के बहाने उनका एनकाउंटर हो सकता है| इतना ही नहीं, उन्होंने याचिका के जरिए कोर्ट से इस तरह के प्रवास की अनुमति न देने का अनुरोध किया है| सुनवाई के अंत में विशेष अदालत ने तलोजा जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि अगले निर्देश तक अबू सलेम को तलोजा जेल से शिफ्ट न किया जाए|
पुर्तगाल से भारत लाया गया: सेलम शहतूत को 19 साल पहले पुर्तगाल से लाया गया था। उसका प्रत्यर्पण किया गया| सलेम की मुक्ति निकट है। इसलिए एक जेल से दूसरे जेल ले जाने के दौरान मारपीट का डर रहता है| उन्होंने विशेष अदालत में याचिका दायर कर मांग की है कि तलोजा को एक जेल से दूसरे जेल में ट्रांसफर न किया जाए. कोर्ट ने ये निर्देश दिये हैं| कोर्ट ने इस संबंध में तलोजा जेल के अधीक्षक से जवाब मांगा है|
इस मामले की अगली सुनवाई 28 मई को तय की गई है| कोर्ट ने तलोजा जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक अबू सलेम को किसी दूसरी जेल में शिफ्ट न किया जाए| पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के बाद अबू सलेम को आर्थर रोड जेल में बंद कर दिया गया था| मुस्तफा डोसा पर हमला होने के बाद उन्हें तलोजा जेल में रखा गया था|19 साल पहले भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद अबू सलेम जेल में है।
अंडा सेल में सलेम: 1993 बम ब्लास्ट मामले में दोषी अबू सलेम को पुर्तगाल से भारत प्रत्यर्पित किया गया था| आर्थर रोड जेल में एक सहयोगी द्वारा हमला किए जाने के बाद डोसा को ठाणे जेल में बंद कर दिया गया था। लेकिन बाद में उन्हें फिर से तलोजा जेल में रखा गया| फिलहाल वह तलोजा जेल की अंडा सेल में रह रहे हैं। लेकिन अब तलोजा जेल प्रशासन ने अंडा सेल की मरम्मत के लिए अबू सलेम को दूसरी जेल में शिफ्ट करने का फैसला किया है।तलोजा जेल प्रशासन के इस फैसले से अबू सलेम सदमे में है|
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