भारत सरकार के गृह मंत्रालय रिपोर्ट (2020-21) में पूर्वोत्तर में उग्रवाद और नागरिकों की मौत को लेकर कई महत्वपूर्ण तथ्य और आंकड़े जारी किए हैं| मंत्रालय की ओर से पेश वार्षिक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि पिछले आठ सालों में पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवाद की घटनाओं में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है| रिपोर्ट के मुताबिक साल 2014 के बाद से पूर्वोत्तर राज्यों में सुरक्षा के हालात को लेकर भी काफी सुधार हुआ है|
इस रिपोर्ट के अनुसार , 2020 में 2019 की तुलना में उग्रवाद की घटनाओं में करीब 27 प्रतिशत की कमी आयी है| 2019 में उग्रवाद की 223 घटनाएं और 2020 में 162 घटनाएं सामने हुई थीं| इसी प्रकार नागरिक और सुरक्षाकर्मियों के हताहत होने वाली घटनाओं में लगभग 72 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई| 2019 में इस तरह की 25 और 2020 में ऐसे 7 मामले सामने आए थे|
वर्ष 2020 में पिछले दो दशकों के दौरान उग्रवाद, नागरिकों व सुरक्षाबलों के जवानों के हताहत होने की घटनाओं में सबसे कम मामले सामने आए हैं| रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साल 2014 की तुलना में वर्ष 2020 में उग्रवाद की घटनाओं में 80 प्रतिशत तक की कमी आई है| इस दौरान सुरक्षा बल के जवानों के हताहत होने वाली घटनाओं में 75 फीसदी और उन राज्यों के नागरिकों की मौत के मामलों में 99 प्रतिशत तक की कमी आई है|
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 की तुलना में 2020 में अरुणाचल प्रदेश में उग्रवाद संबंधी हिंसा में 42 फीसदी, असम में 12 फीसदी, मणिपुर में 23 फीसदी और नागालैंड में 45 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है|
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