अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी पर अमेरिका में कथित तौर पर अरबों डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया गया है। गौतम अडानी और उनके सहयोगियों पर 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी का आरोप लगा है, जिसके बाद तर अडानी ग्रुप ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अमेरिका के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बॉण्ड्स की बिक्री रोकी है।
अदाणी और अन्य सहयोगियों के खिलाफ अरबों डॉलर की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना के आरोपों के बाद अदाणी समूह ने अमेरिकी डॉलर-मूल्य वाले बॉण्ड्स के माध्यम से पूंजी जुटाने के अपने फैसले को रोक दिया है। अडानी ग्रुप ने गुरुवार (20 दिसंबर)को 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बॉण्ड्स रद्द किए है। आरोपों के आलोक में, सहायक कंपनियों ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान में प्रस्तावित यूएसडी मूल्यवर्ग बांड की पेशकश के साथ आगे नहीं बढ़ने का निर्णय लिया गया है।
वहीं, गुरुवार को अमेरिका में गौतम अडानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोप के बाद भारतीय शेयर बाजार पर भी इसका असर देखने को मिला। अडानी ग्रुप के शेयरों में करीब 20 फीसदी की गिरावट देखी गई है। अडाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 15 फीसदी गिरे तो अडानी पोर्ट एंड एसईजेड, अदाणी पावर एंड एनर्जी और ग्रीन एनर्जी से जुड़े शेयरों में भी बड़ी गिरावट देखी गई।
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गौतम अडानी पर 2000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है। अडानी,अडानी के भतीजे सागर अडानी, अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के कार्यकारी और एज़्योर पावर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी सिरिल कैबनेस पर भी आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार (१९ नवंबर) को दावा किया की अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य ने सौर ऊर्जा वितरण के अनुबंध हासिल करने के लिए भारत में सरकारी अधिकारियों को 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन डॉलर) की रिश्वत की पेशकश की।