दोनों 6 अप्रैल को घर से निकल गए। दोनों बुधवार को दादों थाने पहुंच गए। यहां आकर बताया कि दोनों अपनी मर्जी से गए थे। परिवार परामर्श केंद्र में हुई काउंसिलिंग के बाद महिला राहुल संग जाने की जिद पर अड़ी रही। शुक्रवार शाम उसे राहुल के सुपुर्द कर दिया।
परिवार के सदस्यों के साथ राहुल रात में सपना को अपने गांव लेकर पहुंचा लेकिन पिता ने सपना को स्वीकारने से इनकार कर दिया। इसके बाद रात उन्होंने गांव में पड़ोसी के घर में बिताई। सुबह एक दोस्त की मदद से राहुल व सपना कहीं निकल गए।
राहुल के पिता हीरालाल का कहना है जिस बेटे ने समाज में इज्जत को बट्टा लगाया है, उसका चेहरा तक देखना पसंद नहीं है। उसे अब घर में जगह नहीं मिलेगी। पिता के इस बयान पर ग्रामीणों ने भी किसी तरह की मदद या शरण न देने का ऐलान कर दिया।
राहुल के पिता व मामले में सहयोग कर रहे गांव के प्रधान के पुत्र को धमकियां मिल रही हैं। दोनों को शुक्रवार देर शाम अज्ञात नंबर से अलग-अलग कॉल आए। कॉल करने वाले ने कहा कि वे उनके परिवार के सदस्यों को उठा ले जाएंगे। गांव में आकर पंचायत करेंगे। तब उन्हें सबक सिखाएंगे।
राहुल के पिता होरीलाल और उनकी ग्राम पंचायत बोनई के प्रधान पुत्र नगला कलुआ निवासी विनीत रविवार को दादों थाने पहुंचे। यहां दोनों ने अपनी अपनी ओर से अलग-अलग तहरीरें दीं। होरीलाल ने बताया कि शुक्रवार शाम जब सपना को राहुल के सुपुर्द कर गांव भेजा गया उसी समय उनके नंबर पर कॉल आई थी।
कॉल करने वाले ने कहा कि उसके परिवार के एक-एक सदस्य को उठा ले जाएंगे। होरीलाल के अनुसार, शनिवार को स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे तहरीर देने नहीं पहुंचे। प्रधान पुत्र विनीत ने कहा है कि उसी शाम वह दिल्ली में थे। उन्हें उसी नंबर से कॉल आई और यही धमकी दी गई।
दोनों ने तहरीर एसओ दादों सुशील तोमर को दीं। व एसओ ने सर्विलांस की मदद से जांच कार्रवाई का भरोसा दिलाया। सीओ छर्रा धनंजय ने कहा है कि नंबर की जानकारी कराकर कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि दो दिन तक महिला की काउंसिलिंग की गई। उसके साथ होने वाले दामाद की भी काउंसिलिंग की गई। परिवार परामर्श केंद्र पर शुक्रवार को दिन भर दोनों को समझाया गया। मगर महिला एक ही जिद पर रही। वह पति संग जाने को राजी नहीं थी। इसी आधार पर उसे राहुल व उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
काउंसिलिंग से पहले महिला को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया। यहां भी महिला से स्टाफ ने बातचीत की। महिला को बच्चों के विषय में बात करते हुए कहा कि कम से कम उनका तो कुछ सोचो, मगर महिला ने साफ कह दिया कि उसने जो झेला है। उसके आगे अब उसे कुछ समझ नहीं आ रहा। राहुल ने सहारा दिया है, उसी के साथ जाएगी।
बृहस्पतिवार को मडराक थाने में उसके दो बेटों में छोटा सात वर्षीय बेटा मां से लिपटकर रोने लगा। फिर भी मां नहीं पिघली। वह अपनी जिद पर अडिग रही। इस मामले में बेटी बृहस्पतिवार को थाने नहीं आई। वह अपनी मां को देखना तक नहीं चाहती। उसका यही कहना था कि जिस मां ने उसकी शादी तुड़वा दी, उससे वह रिश्ता नहीं रखेगी।
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