लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। इस मामले की जांच का जिम्मा इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को सौंपा गया है। श्रीवास्तव इस मामले की रिपोर्ट 2 माह के अंदर देंगे। यह जानकारी यूपी गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि जांच आयोग के गठन के लिए नोटिफिकेशन जारी करा दिया गया है।
उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल की ओर से 6 अक्टूबर को जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है, ‘कमिशन ऑफ इन्क्वायरी ऐक्ट, 1952 के सेक्शन 3 के तहत इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के अंतर्गत एक सदस्यीय जांच आयोग गठित किया जाता है। इसका मुख्यालाय लखीमपुर खीरी में होगा।’ आयोग को जांच के लिए नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से दो महीने तक का वक्त रिपोर्ट सौंपने के लिए दिया जा रहा है। आयोग के कार्यकाल में किसी भी तरह का बदलाव को लेकर सरकार फैसला लेगी।
रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 4 किसान थे, इसके अलावा दो भाजपा कार्यकर्ताओं, एक पत्रकार और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के ड्राइवर की भी मृत्यु हो गई थी। दरअसल भाजपा नेताओं के काफिले की एक कार की चपेट में आने से 4 किसानों की मौत हो गई थी।
इसके बाद हिंसा भड़क गई थी और भीड़ के हमले में एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर अन्य राजनीतिक दलों द्वारा राजनीति की जा रही है। 2022 के विधान सभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दल इस हिंसा को भुनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।