HC ने OBC की 18 जातियों को एससी में शामिल करने पर लगायी रोक  ​

याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के आदेश को रद्द कर दिया है|

HC ने OBC की 18 जातियों को एससी में शामिल करने पर लगायी रोक  ​

HC bans inclusion of 18 castes of OBC in SC

उत्तर प्रदेश की इलाहबाद हाई कोर्ट ने एससी वर्ग में फेरबदल के फैसले को अपने पास सुरक्षित रखते हुए राज्य की 18 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने पर फ़िलहाल रोक लगा दी है| एससी वर्ग में शामिल करने के खिलाफ की गयी एक याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट द्वारा यह निर्णय लिया है|
बता दें कि यूपी की सपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम समय में ओबीसी की 18 जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने की सूचना 22 दिसंबर 2016 तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा जारी किया गया था, जिसमें प्रदेश सभी तहसील को सूचना जारी किया गया था कि अब राज्य की 18 जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र दिया जाये|
​गौरतलब है कि सपा सरकार में जारी ओबीसी के 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश के जारी किया गया था| बाद में 24 जून 2017 को योगी सरकार ने 18 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र देने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया| इसके खिलाफ डा. भीमराव आंबेडकर ग्रंथालय व जनकल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका पहले ही दायर की थी| याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के आदेश को रद्द कर दिया है|
बात दें की इन जातियों में मझवार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा गोडिया, मांझी और मछुआ आदि जातियां शामिल की गयी थी|  ​याचिकाकर्ता ने दायर की गयी याचिका में तर्क देते हुए कोर्ट से कहा था कि किसी भी जाति को एससी, एसटी या ओबीसी में शामिल करने का अधिकार सिर्फ देश की संसद को है| वही उन्होंने अपने दलील में कहा कि राज्यों की सरकार को इसमें किसी तरह का फेरबदल या सुधार करने का कोई अधिकार नहीं है।
 
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