जम्मू कश्मीर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अमरनाथ यात्रा के दौरान तैनात किए जाने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को “स्टिकी बम” के खतरों से निपटने के लिये प्रशिक्षित किया जा रहा है| एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस समस्या से निपटने में सतर्कता सबसे अहम है|
सीमा सुरक्षा बल ने पिछले वर्ष फरवरी में सांबा जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट ड्रोन से गिराए गई हथियारों की एक खेप को जब्त किया था,जिसमें 14 संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) के अंदर चुंबक लगा हुआ था| यह इस तरह की बरामद की गई विस्फोटक की पहली खेप थी|
विशेषज्ञों का मानना है कि इनका इस्तेमाल ‘स्टिकी बम’ (चिपकाने वाले बम) के तौर पर हो सकता है जिसे किसी भी वाहन पर चिपकाया जा सकता है और टाइमर या रिमोट के जरिये इसे नियंत्रित किया जा सकता है|इस समस्या से निपटने का सतर्कता बरतने के अलावा और कोई तरीका नहीं है| हमारे दायित्व वाले क्षेत्र में सुरक्षा बंदोबस्त को चौकस रखा जाएगा और जवानों को इस खतरे के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा|
सीआरपीएफ के हीरानगर रेंज के उप महानिरीक्षक देवेंदर यादव ने कहा कि ‘स्टिकी बम’ के खतरे से निपटने में सतर्कता सबसे अहम है| यहां सीआरपीएफ इकाइयों की अंतर-बटालियन भारोत्तोलन प्रतियोगिता के उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा, “इस समस्या से निपटने का सतर्कता बरतने के अलावा और कोई तरीका नहीं है|
यह भी पढ़ें-
केंद्र पर हमला, दम है तो ताजमहल या लाल किले को मंदिर बनायें ?-महबूबा