प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जून में अमेरिका की राजकीय यात्रा के अमेरिका ने जो वादा किया था उसके मुताबिक दूसरी-तीसरी शताब्दी ईस्वी से लेकर 18वीं-19वीं शताब्दी ईस्वी तक की कुल 105 पुरावशेषों को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारत वापस भेजा जा रहा है। इनमें से लगभग 50 कलाकृतियां धार्मिक विषयों (हिंदू धर्म, जैन धर्म और इस्लाम) से संबंधित हैं और बाकी सांस्कृतिक महत्व की हैं। सैंकड़ों साल पहले इस मूर्तियों को भारत से चुराकर अमेरिका ले जाया गया था। सोमवार को न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका ने इन सभी मूर्तियों को इंडियन कंसुलेट को लौटा दिया।
चोरी की गई इन मूर्तियों को लौटाने के लिए भारत ने अमेरिका का शुक्रिया अदा किया है। अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा कि ये मूर्तियां महज मूर्तियां नहीं, ये हमारी विरासत है। भारत के महावाणिज्य दूतावास ने कहा कि इन पुरावशेषों को जल्द ही भारत ले जाया जाएगा। संधू ने कहा कि जब यह खोई हुई विरासत घर लौटेगी, तो इसका बहुत ही भावुकता के साथ स्वागत किया जाएगा।
वहीं भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि चोरी की गई इन मूर्तियों को भारत को सौंप दिया गया है। जल्द से जल्द इसे भारत पहुंचाया जाएगा। इसके लिए हम काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सैंकड़ों साल पहले इन मूर्तियों को यहां भारत से चोरी कर लाया गया था और अवैध तरीके से यहां बेच दिया गया था।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की 2016 की अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिका की ओर से 16 प्राचीन वस्तुएं सौंपी गई थीं। इसी तरह 2021 में अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां सौंपीं थीं, जो सितंबर 2021 में प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के बाद भारत आई थीं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन 105 पुरावशेषों के साथ अमेरिकी पक्ष ने 2016 से अब तक भारत को कुल 278 सांस्कृतिक कलाकृतियां सौंपी हैं।
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