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अमेरिकन चुनाव: डेमोक्रेट्स से इख्तिलाफ के बाद मार्क झुकरबर्ग ने खोले बड़े राज !

डेमोक्रेट सरकार ने अमेरिकी फेडरल एजेंसी एफबीआई द्वारा फेसबुक पर आने वाले कंटेंट को डिमोट करने के लिए दबाव बनाया था।

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अमेरिका में चुनाव होने है, जिसके लिए डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स द्वारा अपने उम्मीदवार घोषित किए गए है। फ़िलहाल चुनावी प्रचारों के अमेरिका का राजनीतिक दरम्यान वातावरण अस्पष्ट थे। ऐसे में ट्रंप पर हुए जानलेवा हमले के बाद अमेरिका के चुनावों में रिपब्लिकन की दिशा से हवा बहने लगी है। बदलती हवा को देखते हुए कई बडे उद्योगपती, अरबपती अब ट्रंप के पिछे खड़े होते दख रहें है। इसी में ‘Meta’ और फेसबुक के निर्माता/संस्थापक मार्क झुकरबर्ग ने भी डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़ा है।

मार्क झुकरबर्ग ने अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़ने के बाद उन्हें चुनावों में चंदा न देने की घोषणा भी की है। इसी दरम्यान मार्क ने अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार के कार्यकाल के बड़े राज भी खोले है। मार्क ने कहा डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपनी सरकार का दुरपयोग करते हुए ‘meta’ पर दबाव बनाया था। लोगों का आरोप है की डेमोक्रेटिक पार्टी की Meta से मांग थी की उनकी आवश्यकता अनुसार सोशल मीडिया पर मुद्दों का चलन हो।

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ऐसे में स्वतः मार्क झुकरबर्ग द्वारा अमेरिका की हाउस चेयर कमिटी को संबोधित करते हुए लिखे पत्र में झुकरबर्ग कहते है की कोविड-19 की महामारी के दौर में डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा संचालित अमेरिकी सरकार विचलित थी। उन्होंने हम पर कोविड को लेकर आने वाली कई पोस्ट को हटवाया या डिमोट करवाया गया। जिसे लेकर उन्हें खेद है। इस दौर में कई मीम्स और साधारण पोस्ट को हटवाने का दबाव डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा बनाया गया था।

वहीं जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन के लैपटॉप मामले में भी डेमोक्रेट सरकार ने अमेरिकी फेडरल एजेंसी एफबीआई द्वारा फेसबुक पर आने वाले कंटेंट को डिमोट करने के लिए दबाव बनाया था। एफबीआई का कहना था की यह एक रशियन डिसइंफॉर्मेशन मूमेंट थी, जिस पर खेद जताते हुए मार्क अपने पत्र में मार्क कहते है की उन्हें विषय को डिमोट नहीं करना चाहिए था।

आपको बता दें, की हंटर बाइडेन के इस लैपटॉप के मामले में जो बाइडेन और उनके बेटे हंटर बाइडेन पर तरह तरह के आरोप लगे है, जिनमें अमेरिका के साथ देशद्रोह भी शामिल है। इसे अमेरिका में डेमोक्रेटिक सरकार द्वारा अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य के साथ छेड़छाड़ किया जाना माना जा रहा है। जिसके बाद अब यह एक चुनावी मुद्दा बन चूका है।

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