पोर्ट ब्लेयर। गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तीन दिन के दौरे पर हैं। गृह मंत्री पोर्ट ब्लेयर पहुंचने पर अधिकारियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। अमित शाह पोर्ट ब्लेयर के सेलुलर जेल भी गए उन्होंने जेल के उस कक्ष में भी गए जहां वीर सावरकर बंद थे। इसके अलावा उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों का माल्यार्पण भी किया।
शाह ने कहा, सावरकर ने सेलुलर जेल को तीर्थस्थल में बदल दिया था। उन्होंने दुनिया को संदेश दिया कि चाहे कितनी भी यातना दे दी जाए, किसी का अधिकार छीना नहीं जा सकता। ‘मेरे देश को आजादी दिलाना मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है’, सावरकर ने इसे यहीं पूरा किया था। वह सच्चे देशभक्त थे, उन पर सवाल उठाने वालों को यहां आकर सेलुलर जेल का दौरा करना चाहिए। मैं जब-जब यहां आता हूं, एक नई ऊर्जा और प्रेरणा प्राप्त करके यहां से जाता हूं। आज स्वतंत्रता आंदोलन की इस तपोस्थली और संकल्प स्थली पर जब मैं आया हूं, तब अनेक स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके संकल्प को सम्मान के साथ मैं नमन करता हूं। देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेलुलर जेल सबसे बड़ा तीर्थस्थान है। इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिए।
#WATCH | No govt gave title of 'Veer' to Savarkar. 131 cr people added 'Veer' to his name to acknowledge his courage & patriotism. Some are questioning his life. Painful that you're questioning patriotism of a man sentenced to 2 life terms of imprisonment..: HM at Cellular Jail pic.twitter.com/jy5lkQ1SfW
— ANI (@ANI) October 15, 2021
आज दूसरी बार मुझे आजादी के तीर्थ स्थल पर आने का मौका मिला है। सेलुलर जेल में अमित शाह ने कहा- प. बंगाल ने आजादी के संघर्ष में महान योगदान दिया है। जब मैं यहां पहुंचा तो मैंने 1928 तक इस जेल में रखे गए सभी स्वतंत्रता सेनानियों की सूची देखी। सबसे अधिक बंगाल और पंजाब के स्वतंत्रता सेनानी इस जेल में रहे थे। उन्होंने कहा, आज मैंने सचिन सान्याल के जेल कक्ष का दौरा किया और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया। मेरे जैसे व्यक्ति के लिए ये एक भावुक पल था। शायद वह पहले ऐसे स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें दो बार काला पानी की सजा हुई थी। बता दें कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर पर एक पुस्तक विमोचन किया था जिसमे उन्होंने कहा था कि वीर सावरकर को बदनाम करने के लिए एक अभियान चलाया गया था। उन्होंने संसद में लगी वीर सावरकर की तस्वीर पर उठे विवाद का भी इस दौरान जिक्र किया।