Aryan Mishra Murder: गौ तस्करी के शक में 12वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या!

मुख्य आरोपी अनिल कौशिक 'लिव फॉर नेशन' नाम की संस्था चलाता है|यह संस्था गौ रक्षा के लिए काम करती है|

Aryan Mishra Murder: गौ तस्करी के शक में 12वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या!

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देशभर में जगह-जगह बीफ और गोमांस को लेकर मारपीट की घटनाएं हो रही हैं| हरियाणा के फरीदाबाद में गौ तस्करी 23 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद में पांच गौरक्षकों ने 19 वर्षीय छात्र की कार का 30 किमी तक पीछा किया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी|अब इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है| कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के एक मजदूर को गोमांस ले जाने के संदेह में हरिना में भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था|इसके अलावा महाराष्ट्र के नासिक जिले में गोमांस ले जाने के आरोप में एक बुजुर्ग व्यक्ति की ट्रेन में पिटाई की गई|

इस घटना में 19 वर्षीय छात्र आर्यन मिश्रा की मौत हो गई। उन्हें दो बार गोली मारी गयी|23 अगस्त को आर्यन मिश्रा रात में अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए एसयूवी से निकला था| पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी अनिल कौशिक ‘लिव फॉर नेशन’ नाम की संस्था चलाता है|यह संस्था गौ रक्षा के लिए काम करती है| अनिल कौशिक और अन्य आरोपियों सौरभ, कृष्ण और आदेश से रिपोर्ट के जरिए गौ तस्करी की जानकारी मिली| सूचना मिलने के बाद कि रेनॉल्ट डस्टर तस्करी की जांच करने आ रही है, सभी पांच लोग डस्टर का पीछा कर रहे थे।

इस जानकारी के बाद आरोपियों ने गलती से डस्टर कार में टक्कर मार दी, जिसमें आर्यन मिश्रा और उनके दोस्त बैठे थे| उन्होंने उस कार का पीछा किया और गोलीबारी की| आर्यन को दो गोलियां लगीं, उनके पिता सियानंद मिश्रा ने अपनी शिकायत में बताया। शुरुआती शिकायत में गौ तस्करी का जिक्र नहीं था| उन्हें शक था कि आर्यन के किसी दोस्त की दुश्मनी के कारण यह घटना हुई होगी|

पुलिस ने घटना वाले दिन की सीसीटीवी फुटेज जब्त कर ली है| यह बात सामने आई है कि इसमें गौ रक्षकों का हाथ है| पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आर्यन के पिता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, आर्यन अपने दोस्तों हर्षित गुलाटी, सुजाता गुलाटी, शैंकी, सागर गुलाटी और कीर्ति शर्मा के साथ हर्षित की डस्टर कार में घूमने निकले थे| उन्होंने यह विचार अपने माता-पिता को नहीं दिया। दोपहर 3.30 बजे हर्षित के पिता हमारे घर आये और बताया कि कुछ गड़बड़ हो गयी है|

उन्होंने कहा, हमें पलवल के लिए निकलना होगा। मेरा बेटा अजय उनके साथ स्कूटी पर पलवल गया। 10 मिनट बाद मेरा बेटा अजय वापस आया और मुझे अपने साथ ले गया| हम दोनों बी.के.अस्पताल गये, लेकिन वहां से हमें एसएसबी अस्पताल भेज दिया गया| वहां जाकर मैंने पूछा कि आखिर हुआ क्या? फिर मुझे बताया गया कि मेरे बेटे को दो गोलियां लगी हैं|

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