“युवाओं का लक्ष्य सरकार को जगाना है”: युवा संसद में घुसते हैं और धुएं के ढेर तोड़ते हैं। यह आंदोलन का कोई तरीका नहीं हो सकता| लेकिन, उनका मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि सरकार को जगाना था| असीम सरोद ने कहा कि यदि युवा उस उद्देश्य के लिए संसद में गए, तो अपराधीकरण प्रक्रिया का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
“युवाओं को सज़ा देना संयुक्त नहीं है”: प्रशासन के प्रति जनता का असंतोष गहराता जा रहा है। सरकार को इन लोगों से चर्चा करनी चाहिए| लोकतंत्र में सरकार के लिए व्यापकता दिखाना जरूरी है| सरकार को ‘माई फादर’ कहा जाता है। अगर आपके परिवार में बच्चा गुस्से से प्रेरित है तो उसके गुस्से को शांत करना जरूरी है। असीम सरोदे ने कहा कि उन्हें सजा देना संयुक्त नहीं है|
“युवाओं को सज़ा मिलनी चाहिए, लेकिन…”: युवाओं पर यूएपीए जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं| यह अपराधीकरण है, लेकिन सरकार को ये कदम नहीं उठाना चाहिए| युवक को सजा मिलनी चाहिए| लेकिन, सरकार को युवाओं की समस्याओं को समझकर काम करना चाहिए| अगर 4 के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई तो अन्य युवक दंगा करेंगे। असीम सरोदे ने कहा कि भारत में बेरोजगारी फैलने की आशंका है|
दानवे ने लगाया आरोप,भुजबल सिर्फ मनोज जरांगे के आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं…!